कोरोना के चलते आईपीएल 13 भले न हो पाए मगर ये क्रिकेट कितनी लीग पॉपुलर है हम सभी ये जानते हैं। आईपीएल में ऑक्शन को लेकर फ्रेंचाइजी के बीच जमकर होड़ मचती है। मगर कभी सोचा है अगर ये लीग 80 और 90 के दशक में शुरु होता तो किन 10 भारतीय खिलाडिय़ों को खरीदने के लिए टीमें जोर अजमाइश करती।

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय क्रिकेट इतिहास में पुराने समय में कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे, जो आज की टी-20 लीग में फिट बैठ सकते हैं। अब इसे इन खिलाडियों की बदकिस्मती कहें या कुछ और, मगर 80-90 के दशक में अगर आईपीएल शुरु हो जाता तो भारतीय खेमे में ऐसे कई चेहरे थे जो फटाफट क्रिकेट में बिल्कुल फिट बैठते।

कपिल देव -

कपिल देव शायद सभी पीढिय़ों में भारत के सबसे महान ऑलराउंडर हैं। इनकी गेंदों में स्विंग भी होती थी, तो बल्ले से आसानी से छक्के लगाना भी कपिल को आता था। कपिल को आप शुरुआती ओवरों में गेंद थमा सकते थे, तो वहीं डेथ ओवरों में भी वह कारगर साबित होते। उनकी इस शैली के चलते सभी फ्रेंचाइजी कपिल को अपनी टीम में रखना चाहती।

के श्रीकांत -

वो भारतीय बल्लेबाज जो समय से आगे चलता था। श्रीकांत शो स्टॉपर रहे। दर्शकों को स्टेडियम में कैसे लाना है, उन्हें यह अच्छी तरह आता था। वह एंडी रॉबर्टस की गेंद पर आसानी से छक्का लगा देते थे। वहीं पैट्रिक की गेंदों में बिना हेलमेट पहने हुक लगाना कौन भूल सकता है। श्रींकात 80 के दशक में रन प्रति बॉल बनाते थे। यही नहीं स्थिति को देखते हुए वह अपनी बल्लेबाजी में भी बदलाव करते थे। ऐसे में वह मौजूदा वक्त में सीएसके की पहली पसंद होते। आप सोचेंगे चेन्नई ही क्यों, आखिर श्रीकांत तमिल जो हैं।

विनोद कांबली-

विनोद कांबली आईपीएल के लिए ही बने थे। यह उनकी बैटिंग शैली नहीं बल्कि उनका स्टाईल देखकर भी कहा जा सकता है। उन्हें 80 के दशक का हार्दिक पांड्या भी कह सकते हैं। कांबली की हार्ड हिटिंग काफी चर्चित रही। खासतौर से स्पिनर्स के खिलाफ वह जैसी तूफानी बैटिंग करते थे, आज के समय में कुलदीप और चहल के सपने में आते। कांबली को मुंबई इंडियंस अपने खेमे में जरूर शामिल करता।

मोहम्मद अजहरुद्दीन-

पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी आईपीएल के फॉर्मेट में फिट बैठते हैं। अजहर 10 से 20 ओवरों के बीच गेंदबाजों पर कहर बनकर टूटते थे। स्पिनर्स के खिलाफ गैप में शॉट लगाना उनके लिए बहुत आसान था। यही नहीं अजहर एक बेहतरीन फील्डर भी रहे। खासतौर से प्वॉइंट और एक्स्ट्रा कवर में वह हर मैच में कम से कम 15 रन बचाते थे। कोलकाता का ईडन गार्डन उनका फेवरेट ग्राउंड था। ऐसे में वह केकेआर की टीम की पहली पसंद बनते।

अजय जडेजा-

भारत के लिए खेलने वाले सबसे बुद्धिमान क्रिकेटरों में से एक। वह इनिंग्स को धीरे-धीरे आगे बढ़ाते थे और अंत में धोनी की तरह गेम फिनिश करना भी इन्हें आता है। अजहर की तरह, मैदान पर उनकी चपलता आज के मानकों के हिसाब से थी। जडेजा एक शानदार फील्डर माने जाते थे। ऐसे में वह दिल्ली कैपिटल्स की पहली पसंद हो सकते थे।

मनोज प्रभाकर-

मनोज प्रभाकर नई गेंद के साथ स्विंग और डेथ ओवरों में स्लो बॉल करने में माहिर थे। टी-20 क्रिकेट में यह कला काफी उपयोगी साबित होती है। हालांकि वह बिग हिटर नहीं थे मगर एक छोर से पारी को संभाले रह सकते थे। अगर दूसरे छोर पर बढिय़ा बल्लेबाज हो तो प्रभाकर उसका अच्छे से साथ दे सकते हैं। कुल मिलाकर कहें तो वह राजस्थान रॉयल्स के लिए बिल्कुल फिट थे।

रॉबिन सिंह-

रॉबिन सिंह एक बेहतरीन ऑलराउंडर रहे हैं। ऐसे में वह आईपीएल नीलामी में सबका ध्यान अपनी ओर खींचते। रॉबिन बड़ी हिट लगाने में माहिर थे। इसके अलावा गेंदबाजी और फील्डिंग में भी उनका कोई जवाब नहीं था। ऐसे में सनराइजर्स हैदराबाद उन पर निवेश कर सकती थी।

रवि शास्त्री-

टीम इंडिया के मौजूदा कोच रवि शास्त्री भी किसी से कम नहीं हैं। लेफ्ट ऑर्म स्पिनर रहे शास्त्री शानदार गेंदबाजी तो कर लेते थे साथ ही किसी भी पोजीशन में बैटिंग करना उनकी खासियत थी। ओपनिंग से लेकर किसी भी क्रम में शास्त्री फिट बैठते थे। इसके अलावा वह टीम की कमान संभालना भी अच्छी तरह से जानते थे। इसलिए वह सीएसके की पहली पसंद हो सकते थे।

मनिंदर सिंह-

अपने सर्वश्रेष्ठ दिनों में मनिंदर सिंह बेहतरीन गेंदबाज रहे। वह लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स बॉलर रहे। उनके पास वैरिएशन की कमी नहीं थी। चूंकि पंजाब से होने के कारण वह किंग्स इलेवन पंजाब की टीम में बिल्कुल फिट बैठते।

जवागल श्रीनाथ-

अपने समय में भारत के सबसे तेज गेंदबाज रहे जवागल श्रीनाथ को कोई भी कैप्टन अपनी टीम में शामिल करना चाहेगा। श्रीनाथ के पास पेस, बाउंस सबकुछ था। वह टीम को जल्दी विकेट दिलाने में मदद करते थे। ऐसे में वह आरसीबी की टीम के मुख्य गेदंबाज हो सकते थे।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari