ईरान में हिजाब पहनने की अनिवार्यता संबंधी कानून के विरोध में महिलाओं का आंदोलन तेज हो गया है। महिलाओं के बढ़ते विरोध ने हिजाब के मुद्दे पर पूरे देश में नई बहस छेड़ दी है।


महिलाओं को यह अधिकार कि क्या पहने या न पहनेआंदोलन में शामिल महिला दंत चिकित्सक डॉ. समर कहती हैं, 'हर किसी को यह अधिकार होना चाहिए कि वह क्या पहने और क्या नहीं? मुझे नहीं लगता कि सिर के खुले बाल किसी को उत्तेजित कर सकते हैं।' उनका इशारा उनलोगों की ओर था जो यह कहते हैं कि महिलाओं के खुले बाल यौन दुव्र्यवहार को बढ़ावा देते हैं। वहीं दक्षिणी तेहरान के हम्मम में हिजाब की तुलना सीप से की गई है। जैसे सीप मोती को सुरक्षित रखता है, वैसे ही हिजाब महिलाओं को मुसीबतों से बचाता है।जब तक जीवित हूं सिर से नहीं हटाउंगी हिजाब
देश की मशहूर पत्रकार हनिह कहती हैं, 'हमारे देश में पुरुषों ने यह विचार दिया है कि महिलाओं को हिजाब में ही दिखना चाहिए। मैं जब तक जीवित हूं, तब तक अपने सिर से हिजाब नहीं हटाऊंगी।' हाल के दिनों में यह मुद्दा देश-विदेश में तब सुर्खियां बना, जब कुछ महिलाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर सिर से हिजाब उतारकर हवा में लहराया।हिजाब उतार लहराने पर पुलिस ने 29 महिलाओं को किरा गिरफ्तार


इसी आरोप में पुलिस ने विभिन्न जगहों से 29 महिलाओं को गिरफ्तार किया। ईरान दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां मुस्लिम और गैर-मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है। जो महिला इस कानून की अवहेलना करती है, उसे भारी जुर्माने के साथ कारावास की सजा हो सकती है। ईरानी महिलाएं सोशल मीडिया पर भी  हिजाब के विरोध में हैशटैग व्हाइटवेडनेसडे नाम से मुहिम चला रही हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh