इरान में एक ब्‍लॉगर को फेसबुक पर पैगंबर मुहम्‍मद का अपमान करने पर मौत की सजा सुनाई गई है. इस ब्‍लॉगर ने फेसबुक पर आठ पेज बनाए थे और पैगंबर मुहम्‍मद को अपमानित करने वाली सामग्री परोसी थी. यह युवक 20 सितंबर तक इस फैसले को चुनौती दे सकता है.


फेसबुक पर किया पैगंबर का अपमानइरान में एक ब्लॉगर ने फेसबुक पर आठ पेज बनाकर उनमें पैगंबर मुहम्मद को अपमानित करने वाली सामग्री को प्रचारित किया. इस मामले में तेहरान क्रिमिनल कोर्ट की ब्रांच 75 के जज खोरसनी ने ब्लॉगर सौहेल अरबी को पैगंबर या 'सब अल-नबी' को अपमानित करने के आरोप में दोषी पाया गया. गौरतलब है कि इस्लामी दंड संहिता के एक्ट 262 के अनुसार पैगंबर का अपमान करने के मामले में दोषी को मौत की सजा देने का प्रोविजन है. इसके साथ ही एक्ट 264 में यह प्रावधान है कि अगर कोई गुस्से में आकर या गलती से ऐसा कर देता है तो व्यक्ति की मौत की सजा 74 कोड़ों में बदल जाती है. मांगी माफी लेकिन मिली मौत
इस मामले में ब्लॉगर ने जज के सामने स्वीकार किया कि जब उसने ऐसा किया तो उस दौरान उसकी मानसिक स्थिति ठीक नही थी. इसलिए वह अपने किए पर शर्मिंदा है. लेकिन जज ने एक्ट 264 का उल्लेख और जस्टीफिकेशन होने के बावजूद ब्लॉगर को मौत की सजा सुना दी. अवैध तरीके से अरेस्ट हुआ ब्लॉगर


सूत्रों के अनुसार इस ब्लॉगर को अवैध तरीके से अरेस्ट किया गया है. क्योंकि अभी तक यह पता नही चल पाया है कि रिवॉल्युशनरी गार्डस कॉर्प्स के एजेंट सुबह के समय ब्लॉगर के घर कैसे पहुंच गए. गौरतलब है कि ब्लॉगर के घर की सभी विंडोज और गेट्स बंद थे. इस गिरफ्तारी में एजेंटों ने ब्लॉगर के साथ उसकी पत्नी को भी अरेस्ट किया था. इसके बाद ब्लॉगर को उविन जेल में दो महीने तक रखा गया था. हालांकि इस ब्लॉगर की पत्नी को कुछ दिन बाद छोड़ दिया गया.

Hindi News from World News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra