इराक में 19 दिसंबर का दिन बहुत खास होने वाला है। इस दिन यानी शनिवार को 40 साल बाद पहली बार कोई ब्‍यूटी कॉन्‍टेस्‍ट होने वाला है। कट्टरपंथियों द्वारा लगातार मिल रही धमकियों को दरकिनार करते हुए इस शो में 150 लड़कियां हिस्‍सा ले रही हैं।

1972 से नहीं हुआ कोई कॉन्टेस्ट
इराक में 40 साल बाद 19 दिसंबर 2015 को पहली बार ब्यूटी कॉन्टेस्ट आयोजित हो रहा है। यहां आखिरी बार 1972 में सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। कट्टरपंथियों की ओर से जान से मारने और गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी मिलने के बीच इस प्रतियोगिता के लिए 150 से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया है। आयोजकों का कहना है कि चार दशकों के खूनी खेल और आंतरिक कलह के बाद यह एक इराक में जिंदगी का सृजन करने का एक मौका है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि 15 प्रतिभागियों ने कट्टरपंथियों के डर से अपने नाम वापस ले लिए हैं।धमकियों के बाद ऑर्गनाइजर्स ने स्विम सूट सेशन नहीं कराने का फैसला किया था।

बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही लड़कियां

इराक में कई साल से हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। यहां कबिलाई नेता और कट्टरपंथी संगठन ब्यूटी कॉन्टेस्ट को इस्लाम के खिलाफ बताते रहे हैं। वहीं, इराक में एक तबका ऐसा भी है, जो इस तरह के आयोजनों को कराने के पक्ष में है। मगर, इस तरह के विवाद भी किर्कुक की रहने वाली 20 वर्षीय इकोनॉमिक्स की छात्रा शाइमा कासिम अब्दुलरहमान के इरादों को नहीं डिगा पाए।कई इराकियों की तरह शाइमा भी आईएस के द्वारा देश में की जा रही हिंसा से सीधे तौर पर प्रभावित रही हैं। उनके दो चचेरे भाई इराकी फेडरल पुलिस के सदस्य थे। आतंकियों से लड़ते हुए उनकी मौत हो गई।
यह है जीने का तरीका
इस आयोजन के प्रवक्ता और जज सेनन कामेल ने बताया कि ज्यादातर लोग मानते हैं कि हमारा देश खत्म होने के कगार पर है। मगर, इस तरह के इवेंट्स से लोगों में उम्मीद जगती है कि जिंदगी अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया को संदेश देना चाहते हैं कि इराक एक सभ्य देश है और यहां के लोगों में आज भी सभ्य समाज के साथ चलने का जज्बा कायम है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari