रांची में रातू रोड में ब्रजेश सिंह छिपकर रह रहा है नाम बताता है ब्रजेश चौबे। आईआरबी एग्जाम में बटन कैमरे से क्वेश्चन पेपर की फोटो खींच ब्लूटूथ से लीक करवाते और दिलवाते थे जवाब।

RANCHI(29 Jan): इंडियन रिजर्व बटालियन(आईआरबी) परीक्षा में बटन कैमरे से क्वेश्चन पेपर की फोटो खींचकर भेजे गए प्रश्नों के उत्तर देनेवाला सरगना ब्रजेश सिंह रांची में ही छिपकर रह रहा है। वह लोगों को खुद अपना नाम ब्रजेश सिंह बताया था। जबकि छानबीन में यह पता चला है कि मास्टरमाइंड ब्रजेश सिंह नहीं, बल्कि ब्रजेश चौबे हैं। वह रातू रोड में ही कहीं पर रह रहा है। गोंदा थाना पुलिस को इसकी जानकारी मिल चुकी है। पुलिस उसे दबोचने के लिए जाल फैला रही है।

 

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, ब्रजेश चौबे एजेंट बनकर परीक्षार्थियों से एडवांस पैसे लेता था और क्वेश्चन पेपर भिड़ने का भी आश्वासन देता था। बटन कैमरा से ही प्रश्न पत्र की तस्वीर खींची जाती है और फिर एक्सपर्ट को देकर उनसे उत्तर लिखवाए जाते हैं। इसके बाद ब्लूटूथ के जरिए परीक्षार्थियों को क्वेश्चन का आंसर बताया जाता था। पकड़े गए अभ्यर्थियों ने बताया है कि उक्त प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्रों से ही लीक हुआ है। इन्हें यह भी पता होता है कि किस परीक्षार्थी को कौन-सा प्रश्न पत्र सेट मिला है। उसी के अनुसार, हेडक्वार्टर में बैठे एक्सपर्ट अपने-अपने अभ्यर्थियों को पहले कनेक्ट करते हैं।

 

जेल भेजे जा चुके हैं पांचों मुन्नाभाई

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित आईआरबी परीक्षा के तीसरे चरण में हाइटेक चोरी करते पकड़े गए पांचों मुन्ना भाइयों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। ये लोग अपनी जमानत की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं। उक्त सभी मुन्नाभाई माइक्रो ब्लूटूथ लगाकर परीक्षा देते पकड़े गए थे। इस संबंध में गोंदा थाने में एक मामला भी दर्ज किया गया है।

 

 

ऐसे फंसाता था कैंडिडेट्स को ब्रजेश चौबे

अभ्यर्थियों के मुताबिक, हाइटेक चोरी करवाने वाले गिरोह के एजेंटों द्वारा कहा जाता था कि दो अभ्यर्थी लाओ और खुद फ्री आंसर पाओ का झांसा देते थे। चतरा निवासी ब्रजेश सिंह ने उपलब्ध करवाया था। जो रांची में रहकर परीक्षार्थियों को झांसे में लेकर पास करवाने, दाखिला करवाने के नाम पर ठगी करता है। चतरा के अरगडा निवासी ज्वाला कुमार सिंह को जेल भेजा गया है। वह ब्रजेश चौबे की ही जान-पहचान का है।

 

परीक्षा में धांधली का बड़ा नेटवर्क

परीक्षा में धांधली के लिए एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है, जिसमें एक्सपर्ट प्रोफेसर से लेकर तकनीकी जानकारों की पूरी टीम है। पुलिस पकड़े गए अभ्यर्थियों के नंबर मिलाने वालों के सीडीआर से गिरोह का पता लगाने में जुटी है। इस मामले में सीआईडी की एक टीम भी जुटी हुई है।

 

पुलिस मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है। पुलिस को इसके सुराग मिले हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर ि1लया जाएगा।

 

-एके द्विवेदी, इंस्पेक्टर, गोंदा थाना

Posted By: Inextlive