- नगर विकास मंत्री ने दे गए थे हड़ताल कर्मचारियों की बर्खास्तगी के निर्देश

-प्रशासन ने 2206 संविदा कर्मियों की सूची तैयार कर ली थी

-स्थाई सफाई कर्मियों को भी मिला था 24 घंटों का अल्टीमेटम

Meerut: वेतन वृद्धि की मांग को लेकर शहर और प्रशासन दोनों के लिए मुसीबत बने सफाई कर्मियों की अचानक हड़ताल वापसी का निर्णय कई मायनों में चौंकाने वाला है। हालांकि हड़ताल वापसी का मुख्य कारण आजम फैक्टर माना जा रहा है। हड़ताली सफाई कर्मियों को लेकर आए नगर विकास मंत्री के कड़े निर्देश के बाद प्रशासन जहां हरकत में आ गया था, वहीं शासन से उम्मीद लगाए बैठे कर्मचारी भी भारी दबाव में आ गए थे।

हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका

निगम सफाई कर्मियों को सबसे पहले झटका हाईकोर्ट के आदेश से लगा। शहर में गंदगी को लेकर हाई कोई ने जिला प्रशासन को ख्ब् घंटे में शहर की सफाई सुनिश्चित कराने के आदेश दिए। हाईकोर्ट के अनुपालन में जिला प्रशासन ने जिला पंचायत के कर्मचारियों को बुलाकर शहर की सफाई करानी शुरू कर दी थी, जिसका सबसे बड़ा असर सफाई कर्मियों की हड़ताल पर पड़ा।

प्रशासन ने बना लिया कार्रवाई का मन

नगर विकास मंत्री आजम खां की फटकार के बाद हरकत में आए प्रशासन ने बर्खास्तगी के लिए ख्ख्0म् संविदा सफाई कर्मियों की सूची तैयार कर ली थी। हालांकि इसमें से म्ख् संविदा कर्मियों को निगम प्रशासन पूर्व में ही बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद समूचे फेरबदल की तैयारी कर प्रशासन ने कर ली थी।

कर्मचारियों को थी आखिरी चेतावनी

हड़ताल की वापसी के लिए मजबूत प्रहार कर प्रशासन ने क्क् स्थाई सफाई कर्मियों को सस्पेंड कर दिया था, जबकि अन्य क्0म्भ् अन्य कर्मचारियों को ख्ब् घंटे का अल्टीमेटम दिया था। प्रशासन की मंशा भांपते ही कर्मचारियों ने सरेंडर करने का मन बना लिया था। इसको लेकर शनिवार देर रात तक अफसरों और कर्मचारी नेताओं में विचार विमर्श होता रहा, लेकिन रविवार को कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल वापसी की घोषणा कर दी।

Posted By: Inextlive