आईफ़ोन X की घोषणा करने के साथ एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कहा कि यह 'पहला आईफ़ोन लॉन्च होने के बाद अब तक की सबसे बड़ी उछाल' है।

कैलिफोर्निया में इस कंपनी के नए ऑफिस स्टीव जॉब्स थिएटर में मंगलवार को आईफ़ोन के 10 साल होने के मौके पर iPhone X मॉडल ख़ासतौर पर लॉन्च किया गया।

हालांकि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि आईफ़ोन X कई मायने में एक उछाल ही है।

पहली बात, आईफ़ोन के इतिहास में यह सबसे महंगा फ़ोन है। इसकी कीमत 999 डॉलर है। भारतीय बाज़ार में इसकी कीमत एक लाख रुपये के क़रीब होने की संभावना जताई जा रही है।

लेकिन इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो अब तक एप्पल के किसी भी आईफ़ोन में नहीं रही।

 

OLED स्क्रीन (सैमसंग की बनाई हुई)

आईफ़ोन के लुक में सबसे बड़ा बदलाव 'होम बटन' का न होना है। इसकी जगह एंड-टु-एंड ओएलईडी स्क्रीन है।

हालांकि सबसे बड़ी विडम्बना ये है कि आईफ़ोन X का यह हिस्सा इसकी सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी साउथ कोरियाई कंपनी सैमसंग ने बनाया है।

सैमसंग डिसप्ले सॉल्यूशंस, ओएलईडी मॉनिटर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। इसका इस्तेमाल सैमसंग के गैलेक्सी एस 8 और गैलेक्सी नोट 8 में किया गया। इससे यह बात स्पष्ट है कि प्रतिस्पर्धी होने के बाद भी एप्पल ने सैमसंग पर भरोसा किया।

टेक्नोलॉजी जर्नलिस्ट क्रिस वेल्श ने द वर्ज़ जर्नल में लिखा, ''कोई और कंपनी मोबाइल फ़ोन के लिए ओएलईडी स्क्रीन बनाने में सक्षम नहीं है जैसे कि सैमसंग।''

यह काफ़ी महंगी तकनीक है जो सालों से टीवी स्क्रीन पर इस्तेमाल की जाती थी और डायोड पर आधारित है जो किसी भी अतिरिक्त स्रोत की ज़रूरत के बिना, बिजली के चालू होने पर लाइट बढ़ जाती है। वे सब एक पिक्सल के बराबर हैं।

इसका विकास साल 1970 के दशक के मध्य में शुरू हुआ। हालांकि हमें यह एप्लिकेशन बीते दशक में दिखा, ख़ासकर टीवी में।

यह तकनीक नई नहीं है। हालांकि लोमोक्स लिमिटेड की एक्जीक्युटिव डायरेक्टर केन लेसी ने बीबीसी दुनिया को बताया, ''यह तकनीक इसलिए ज़्यादा इस्तेमाल नहीं हुई क्योंकि इसका उत्पादन काफ़ी महंगा है और यह उम्र भी ज़्यादा नहीं है।''

कई मोबाइल ब्रांड और भी हैं जो ओएलईडी का इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के तौर पर दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी या गूगल के पिक्सल (जो कि एलजी की बनाई स्क्रीन इस्तेमाल करता है)।

 


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इमोजी एनिमेशन

एप्पल की कोशिश थी कि वह अपने नए आईफ़ोन में एनीमेटेड इमोजी का फ़ीचर देकर दुनियाभर में इमोजी की बढ़ती लोकप्रियता को भुना ले। इसे एप्पल ने एनिमोजी नाम दिया।

एनिमोजी 3-डी तकनीक पर आधारित हैं और चेहरे के हावभाव को फ़ोन के फ्रंट कैमरा से रिकॉर्ड करते हैं। एप्पल का यह फ़ोन 50 तरह के हावभाव रिकॉर्ड करने में सक्षम है और उनके आधार पर 12 इमोजी बना सकता है।

लेकिन एनिमेटेड इमोजी भी एप्पल की खोज नहीं हैं।

बाज़ार में पहले से ऐसे एप्लिकेशन मौजूद हैं जो चेहरे के हावभाव के आधार पर इमोजी बनाते हैं। मेमोजी और इमोजी एप्प इसके उदाहरण हैं। ये एप्प फ्री हैं और एप्प स्टोर पर उपलब्ध भी हैं।

 

और क्या बाज़ार में उपलब्ध है?

एप्पल को टक्कर देने वाली ज़्यादातर कंपनिया एशियाई महाद्वीप में ही हैं। सैमसंग और एलजी के अलावा और भी कई छोटी कंपनियां हैं जो एप्पल जैसे फंक्शन वाले फ़ोन कम दामों में ऑफर कर रही हैं।

चीनी कंपनी शाओमी, जिसने 2016 में शाओमी मिक्स स्मार्टफ़ोन लॉन्च किया, उसकी कीमत नए आईफ़ोन की आधी है।

इसमें क़्वालकॉम प्रोसेसर, 90 फ़ीसदी स्ट्रक्चर घेरने वाली स्क्रीन, 6 जीबी रैम और 256 जीबी तक इंटरनल मेमोरी है।

इसके दूसरे विकल्प के तौर पर वनप्लस 5 है। इसे वनप्लस नाम की चीनी कंपनी बनाती है। इसी साल रिलीज़ हुए इस फ़ोन के फ़ीचर काफी तेज हैं और हाई रेजोलूशन के साथ डुअल कैमरा भी है। इसकी कीमत 600 डॉलर है।

इनके अलावा चीनी कंपनी ज़ेडटीई नूबिया का नूबिया ज़ेड17 भी इसी साल लॉन्च हुआ है। 5।5 इंच स्क्रीन वाला ये फ़ोन बिना साइड फ्रेम की स्क्रीन के साथ है। इसकी कीमत 400 डॉलर है।

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Posted By: Chandramohan Mishra