संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया और इराक़ के संकटग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों को खुले आम बेचे जाने और उन्हें यौन ग़ुलाम के तौर इस्तेमाल किए जाने पर चिंता जताई है.


संकटग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा से जुड़े मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि ज़ैनब बांगुरा ने कहा कि संकट से संबंधित पक्ष यौन हिंसा को रणनीतिक और व्यवस्थित तरीक़े से अंजाम दे रहे हैं.बांगुरा ने पिछले महीने ही इराक़ और सीरिया का 15 दिन का दौरा किया है. वहां से लौट कर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि ने कहा, “महिलाओं और लड़कियों की ज़िंदगी हर पड़ाव पर जोख़िमों से घिरी है.”उन्होंने बताया कि हथियारबंद लोगों के नियंत्रण वाले इलाके हो या फिर सुरक्षा चौकी, सीमा चौकी या फिर हिरासत केंद्र, महिलाएं और लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं कही जा सकती हैं.निर्वस्त्र नीलामीबांगुरा ने बताया कि सीरिया और इराक के संकटग्रस्त क्षेत्रों में सेक्स के लिए महिलाओं की ख़रीद फरोख़्त आम बात है.
उनके मुताबिक़ आईएस की तरफ़ से लड़ने वाले लोगों को अक्सर महिलाएं देने का वादा किया जाता है और आईएस ने इसे अपनी विचारधारा के एक हिस्सा बना लिया है.उन्होंने बताया कि यौन हिंसा का इस्तेमाल किसी को सज़ा देने, उसका उत्पीड़न करने और ख़ुफ़िया उद्देश्यों के लिए जानकारी निकलवाने के लिए भी किया जाता है.


संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया है कि वो आतंकवाद निरोधी रणनीति में महिलाओं की सुरक्षा और उनका सशक्तिकरण सुनिश्चित करने का पहलू भी शामिल करे.ज़ैनब बांगुरा ने संकटग्रस्त क्षेत्रों में बलात्कार से पैदा होने वाले बच्चों को लेकर भी चिंता जताई.

Posted By: Satyendra Kumar Singh