प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ऐतिहासिक यात्रा पर शनिवार को फलस्तीन पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि भारत फलस्तीन के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वे जॉर्डन सेना के हेलीकॉप्टर पर सवार होकर अम्मान से सीधे रामल्ला पहुंचे। इस दौरान आसमान में एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। मोदी की सुरक्षा के लिए एक इजराइली हेलीकॉप्टर उन्हें एस्कॉर्ट करता देखा गया। रामल्ला में हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री रामी हमदल्ला ने उनका स्वागत किया। फलस्तीन की धरती पर कदम रखने के बाद मोदी ने कहा 'यह ऐतिहासिक यात्रा है जो मजबूत द्विपक्षीय सहयोग की ओर ले जाएगी।' इस देश की आधिकारिक यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।


भारतीय नेतृत्व फलस्तीन में शांति का समर्थकराष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के दौरान शांति प्रक्रिया में भारत से भूमिका निभाने का अनुरोध किया। दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने पर भी सहमति बनी। बाद में राष्ट्रपति अब्बास के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान मोदी ने कहा कि भारत फलस्तीन के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और पश्चिम एशिया में शांति की उम्मीद कर रहा है। अब्बास ने बातचीत को रचनात्मक बताते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को शांति प्रक्रिया और क्षेत्रीय स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारतीय नेतृत्व ने हमेशा फलस्तीन में शांति का समर्थन किया है। औपचारिक वार्ता से पहले राष्ट्रपति अब्बास ने अपने कार्यालय पर प्रधानमंत्री मोदी का औपचारिक स्वागत किया।छह समझौतों पर हस्ताक्षर
मोदी और अब्बास की बैठक के बाद छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें एक समझौता फलस्तीन में विशेष सुविधाओं वाले अस्पताल के निर्माण को लेकर भी है। तीन समझौते शिक्षा के क्षेत्र में किए गए हैं। एक समझौता नेशनल प्रिंटिंग प्रेस के लिए मशीनों की आपूर्ति और एक समझौता महिला सशक्तीकरण केंद्र की स्थापना के लिए किया गया है।फलस्तीन ने सर्वोच्च सम्मान दिया


भारत और फलस्तीन के संबंधों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को ग्रांड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ पलेस्टाइन से नवाजा गया। राष्ट्रपति अब्बास ने अपने कार्यालय में मोदी को इस सम्मान से नवाजा। यह फलस्तीन में विदेशी नेताओं को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है और विदेशी राजाओं, राष्ट्र प्रमुखों या शासनाध्यक्षों को ही दिया जाता है। इससे पहले सऊदी अरब के शाह सलमान, बहरीन के राजा हमद और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को यह सम्मान दिया जा चुका है।अराफात के मकबरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी अपने समकक्ष हमदल्ला के साथ फलस्तीनी नेता यासिर अराफात के मकबरे पर गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। यह मकबरा फलस्तीन के राष्ट्रपति आवास परिसर के पास स्थित है। अराफात को श्रद्धांजलि देने के बाद मोदी मकबरे के पास स्थित अराफात संग्रहालय भी गए।इजरायली मीडिया की नजरइजरायली मीडिया में मोदी की यात्रा को प्रमुखता से जगह दी गई है। हालांकि, कई खबरों में इस पर नाखुशी जताई गई है। बहुत से इजरायली अराफात को इस क्षेत्र में कई निर्दोष नागरिकों की हत्या और हिंसा भड़काने के लिए दोषी मानते हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh