भारत का दमदार संचार सैटेलाइट GSAT-6A आज 29 मार्च को स्‍पेस में लॉन्‍च हो चुका है। ISRO द्वारा श्रीहरिकोटा स्‍पेस सेंटर से लॉन्‍च किया गया यह सैटेलाइट अपने आप में बहुत खास है क्‍योंकि इसके द्वारा भारतीय सेनाओं को तीव्र और प्रभावी संचार की एक नई ताकत मिलेगी। तो जानिए इस सैटेलाइट की ताकत के बारे में सब कुछ।

GSAT-6A सैटेलाइट क्या है और किस काम आएगा?

यह सैटेलाइट एक हाई पावरS-band संचार उपग्रह है, जो अपनी कैटेगरी में दूसरा है। भारत इससे पहले GSAT-6 को लॉन्च कर चुका है। अगस्त 2015 से धरती की कक्षा में चक्कर लगा रहे GSAT-6 को यह लेटेस्ट सैटेलाइट सपोर्ट देने के लिए भेजा जा रहा है, तभी इसमें ज्यादा पावरफुल कम्यूनीकेशन पैनल्स और डिवाससेस लगाई गई हैं। इस सैटेलाइट में लगा 6 मीटर का S-Band Unfurlable Antenna यानि कॉम्पैक्ट एंटीना जब खुलेगा, तो इसके द्वारा धरती पर कहीं से भी कहीं को सैटेलाइट कॉलिंग आसान हो जाएगी। इस सैटेलाइट को स्पेस में भेजकर सरकार चाहती है कि पूरे देश में छोटे ग्राउंड स्टेशन और हाथ में पकड़े जाने वाले उपकरणों से कॉलिंग करने की सुविधा का विकास किया जा सके। GSAT-6A सैटेलाइट किसी सामान्य संचार उपग्रह से बहुत खास है। 2,000 किलो वजनी इस सैटेलाइट को बनाने में करीब 270 करोड़ रुपयों की लागत आई है।


कहां बनाया गया GSAT-6A का S-band एंटीना

आपको बता दें कि भारत के इस नए दमदार सैटेलाइट में लगा सबसे खास S-band एंटीना ISRO के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद में विकसित किया गया। S-band कम्यूनीकेशन में यूज होने वाला इसका Unfurlable Antenna बहुत ही हल्का और कॉम्पैक्ट है, लेकिन उसकी ताकत लाजवाब है, तभी तो यह सैटेलाइट भारत भर में सैटेलाइट कॉलिंग और संचार को न सिर्फ आसान बनाएगा, बल्कि उसका यूज करने के लिए धरती पर भारी भरकम और महंगे उपकरणों की जरूरत भी कम हो जाएगी। साथ ही इस सैटेलाइट में C-band कम्यूनीकेशन के लिए भी एक 0.8 मीटर का ऐंटीना लगा हुआ है, जो ट्रेडिशनल संचार उपकरणों की ताकत को थोड़ा बढ़ाएगा।


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Posted By: Chandramohan Mishra