भारत ने आज बुधवार को सफलतापूर्वक अपना पांचवां नेविगेशन सैटेलाइट आईआरएनएसएस-1ई लांच किया है। यह प्रक्षेपण कार्य सुबह 9.31 बजे शुरू हुआ था। जिसमें इसके बाद पीएसएलवी रॉकेट ने 19 मिनट बाद ही खुद को आईआरएनएसएस-1ई से अलग कर लिया। जिसके बाद यह नेविगेशन सैटेलाइट कक्षा में स्थापित हो गया।


प्रक्षेपण सुबह 9.31 बजेइसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने पांचवें नेविगेशन सैटेलाइट आईआरएनएसएस-1ई का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण कर दिया है। यह प्रक्षेपण बुधवार सुबह किया गया। इसका प्रक्षेपण ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से सुबह 9.31 बजे शुरू किया गया है। इस दौरान करीब  19 मिनट का समय लगा। जिसमें इसके बाद पीएसएलवी रॉकेट ने 19 मिनट बाद ही खुद को आईआरएनएसएस-1ई से अलग कर लिया। जिसके बाद यह नेविगेशन सैटेलाइट कक्षा में स्थापित हो गया। इस प्रक्रिया के लाया गया पीएसएलवी रॉकेट 44.4 मीटर ऊंचाई और 320 टन वजन वाला रहा। यह इस साल लॉन्च होने वाला भारत का पहला रॉकेट है।उपग्रहों में से 5वां उपग्रह
वहीं आईआरएनएसएस-1ई भारत की आईआरएनएसएस अंतरिक्ष प्रणाली के लिए प्रक्षेपित किए जाने वाले सात उपग्रहों में से पांचवा उपग्रह है। यह सैटेलाइट अपने साथ दो तरह के पेलोड(अंतरिक्ष उपकरण) ले गया है। जिसमें से एक नेविगेशन जबकि दूसरा रेंजिंग पेलोड है। नेविगेशन पेलोड यूजरों को नेविगेशन सेवा से जुड़े सिग्नल भेजेगा और एल-5 और एस बैंड में काम करेगा। अंतरिक्ष यान के पूर्ण संपूरक के प्रक्षेपित हो जाने के बाद यह अमेरिकी जीपीएस के बराबर होगा। ‘आईआरएनएसएस-1ई’ का विन्यास इसके पूर्ववर्ती आईआरएनएसएस-1ए, 1बी, 1सी और 1डी के बराबर है।

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Posted By: Shweta Mishra