ISRO का नॉटी ब्‍वॉय कहा जाने वाला GSLV-MkII रॉकेट ने शनिवार को एक बेहतरीन वेदर सैटेलाइट का सफल लॉन्‍च करके कमाल कर दिया है। बता दें कि कई स्‍पेस मिशन में फेल होने के कारण इस रॉकेट को नॉटी ब्‍वॉय के नाम से पुकारा जाने लगा था।

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) (एएनआई): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को श्रीहरिकोटा से शाम 5.35 बजे अंतरिक्ष यान GSLV-F14 के द्वारा अपने खास मौसम संबंधी उपग्रह INSAT-3DS का सफल प्रक्षेपण कर दिया है। बता दें कि यह उपग्रह मौसम पूर्वानुमान और प्राकृतिक आपदा चेतावनियों के मामले में पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने में काफी मदद करेगा।

Ministry of Earth Sciences की मदद से बना सैटेलाइट
अपने 16वें मिशन में, GSLV ने INSAT-3DS मौसम उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में तैनात किया। इसके बाद के ऑर्बिट चेंज मनूवर यह सुनिश्चित करेंगी कि उपग्रह धरती की निर्धारित कक्षा में स्थित बना रहे। INSAT-3DS उपग्रह भूस्थिर कक्षा से थर्ड जनरेशन वेदर सैटेलाइट के तौर पर काम करेगा। बता दें कि यह मिशन पूरी तरह से Ministry of Earth Sciences (एमओईएस) द्वारा फंडेड है।

#WATCH | ISRO launches INSAT-3DS meteorological satellite onboard a Geosynchronous Launch Vehicle F14 (GSLV-F14), from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota. @isro @moesgoi pic.twitter.com/ftFrOjhLw9

— DD News (@DDNewslive) February 17, 2024

सैटेलाइट ऐडेड सर्विस और रेस्‍क्‍यू मिशन में भी होगा मददगार
यह सैटेलाइट धरती और समंदर के सरफेस को क्‍लोजली मॉनीटर करते हुए मौसम के बेहतर पूर्वानुमान के साथ ही डिजास्‍टर मैनेजमेंट में काफी मदद करेगा। यह उपग्रह वर्तमान में संचालित INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को भी बढ़ाएगा। यह सैटेलाइट डेटा कलेक्‍शन प्‍लेटफॉर्म्‍स को बेहतर डेटा संग्रह और डेटा प्रसार की क्षमताएं भी प्रदान करेगा। इसके अलावा यह सैटेलाइट ऐडेड सर्विस और रेस्‍क्‍यू मिशन में कमाल का परफॉर्म करने की ताकत रखेगा। बता दें कि भारतीय उद्योगों ने उपग्रह के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Posted By: Chandramohan Mishra