भारत ने आज IRNSS-1I नेवीगेशन सैटेलाइट लॉन्‍च करके अंतरिक्ष में अपनी सफलता की नई इबारत लिख दी है। इस सैटेलाइट के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत ने अपने सैटेलाइट मैप एण्‍ड नेवीगेशन सिस्‍टम यानि NavIC को पूरा कर लिया है। जिससे भारत को कई फायदे होंगे।

IRNSS-1I के साथ NavIC सिस्टम का 7वां सैटेलाइट धरती की कक्षा में स्थापित

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह 4 बजकर 4 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से आईआरएनएसएस -1 आई नेविगेशन सैटेलाइट का अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण किया। PSLV-C41 रॉकेट द्वारा लॉन्च के करीब 20 मिनट बाद यह नेवीगेशन सैटेलाइट रॉकेट से अलग होकर धरती की कक्षा में सेट हो गया। करीब 1425 किलो वजनी यह सैटेलाइट भारत के सैटेलाइट मैप और नेवीगेशन सिस्टम NavIC को पूरा करने वाला पहला और आखिरी सैटेलाइट है।

क्या होंगे फायदे

नाविक सिस्टम द्वारा भारत खुद ही बिना किसी विदेशी सैटेलाइट की मदद के अपने लिए सैटलाइट मैपिंग तैयार करने, समय का बिल्कुल सही पता लगाने, जमीनी नेविगेशन की सटीक जानकारी जुटाने के साथ ही समंदर में भी नेवीगेशन का बेहतर उपयोग कर पाएगा। इन सभी तकनीकी विशेषताओं के कारण नाविक सिस्टम हमारी सेनाओं के साथ साथ आम लोगों की जिंदगी को भी आसान बनाने में मदद करेगा। (एजेंसी इनपुट सहित)


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Posted By: Chandramohan Mishra