तेलंगाना में कांग्रेस और टीआरएस में मुख्य मुक़ाबला
लोकसभा की 17 सीटों के लिए कुल 267 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि विधानसभा की सीटों के लिए 1669 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं.अलग तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन चलाने वाले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव मेडक सीट से उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस के जयपाल रेड्डी महबूबनगर से ताल ठोक रहे हैं.दो जून को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना औपचारिक रूप से दो अलग राज्य हो जाएंगे. इसलिए ये दोनों चुनाव ग़ैर विभाजित आंध्र प्रदेश के आख़िरी चुनाव होंगे.पिछले दिनों यहाँ भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने कई रैलियों को संबोधित किया."इधर आंध्र वालों की अब क्या ज़रुरत है. इधर आंध्र के लोग बहुत हैं. हम उन्हें हटा देंगे. दो या तीन साल में उन्हें हटा देंगे चाहे हमें इसके लिए एक और संघर्ष करना पड़े"-क्रिशांक, प्रवक्ता, छात्र संगठन
तेलंगाना में लोकसभा सीटों पर टीआरएस और कांग्रेस एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं.दोनों पार्टियाँ तेलंगाना राज्य के निर्माण का दावा कर रही हैं. इसी मुद्दे पर यहाँ चुनाव के परिणाम आने की संभावना है. भारतीय जनता पार्टी और तेलुगू देशम भी यहाँ मैदान में है लेकिन उनके अच्छे प्रदर्शन की संभावना कम है.कहीं ख़ुशी कहीं गम
सात मई को आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभी सीटों के लिए चुनाव होगा. इसमें भाजपा और तेलुगूदेशम के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाई जा रही है. यह चुनाव दोनों मिलकर लड़ रहे हैं.आंध्र प्रदेश के विभाजन को एक राज्य का नहीं बल्कि एक समाज का बंटवारा माना जा रहा है.
तेलंगाना के लोगों की अपेक्षाओं से तय है कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद बनने वाले मुख्यमंत्री के समक्ष कई चुनौतियां होंगी.