Jamshedpur: फ्रेंड के वेडिंग सेरेमनी में जाना है. कौन सी ड्रेस पहनूं. लाइट मेकअप करुं या हेवी. क्या ये हेयर स्टाइल ड्रेस के साथ सूट करेगी. किसी पार्टी में जाने से पहले आपने भी कई बार कुछ इसी तरह के प्रेशर को फील किया होगा. अपने लुक को लेकर कांशस रहने वाली महिलाओं के बीच ये ब्यूटी प्रेशर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है.

बढ़ रहा है beauty pressure
एक प्राइवेट फर्म में जॉब करने वाली शुभा अपने लुक को लेकर काफी कांशस है। बात किसी सोशल गैदरिंग की हो या ऑफिस की, उसे हर जगह परफेक्ट दिखना है। परफेक्ट लुक पाने की ये चाह उसे हर वक्त परेशान किए रहती है। हर रोज ब्यूटी पार्लर के चक्कर, कॉस्मेटिक्स की लंबी लिस्ट, लंबे एक्सपेरिमेंट के बाद सेलेक्ट की गई हेयरस्टाइल और ना जाने कितने उपाय। बात सिर्फ शुभा की नहीं बल्कि ब्यूटी का ये बर्डेन सिटी की महिलाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है।

बढ़ रहा है beuty parlour का expense
अपने लुक को संवारने के लिए ब्यूटी पार्लर में किया जाने वाला खर्च हर रोज बढ़ रहा है। टीनेजर्स हो या वर्किंग वूमेन या फिर हाउसवाइफ, सभी अपने ग्र्रुमिंग के लिए ब्यूटी पार्लस में हर महीने हजारों रुपए बहा रही हैं। बिष्टुपुर स्थित मोक्ष सैलून के मैनेजर एस के सिंह ने बताया कि आमतौर पर ब्यूटी पार्लर आने वाली गल्र्स या महिलाएं हर महीने अपने हेयर और स्किन पर कम से कम पांच हजार रुपए खर्च करती हैं। उन्होंने बताया कि कई महिलाएं ऐसी भी हैं जिनके ब्यूटी पार्लर का मंथली एक्सपेंस पंद्रह से बीस हजार रुपए तक है। एक अनुमान के मुताबिक पूरे सिटी में हर महीने ब्यूटी पार्लर्स में करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाते है।

Cosmetics पर करोड़ों खर्च
बात सिर्फ पार्लर जाने तक ही नहीं रुकती। पार्लर में घंटो मेहनत के बाद मिले लुक को संभालने के लिए घर पर भी हर महीने हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। एसोचैम के रिपोर्ट में कंट्री का कॉस्मेटिक मार्केट 2014 तक बढक़र 20 हजार करोड़ पहुंचने की बात कही गई है। सिटी में भी कुछ इसी तरह का ट्रेंड दिखाई देता है। एक अनुमान के मुताबिक सिटी में कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की सलाना बिजनेस करीब सौ करोड़ रुपए से ज्यादा है। स्किन से लेकर हेयर तक के ग्र्रुमिंग के लिए मार्केट में मौजूद सभी प्रोडक्ट्स की जमकर सेलिंग हो रही है।

दूसरे करते हैैं look decide
लड़कियां अब अपने हेयर स्टाइल, मेकअप और ड्रेस को डिसाइड करने में खुद की पसंद की बजाय दूसरों के टेस्ट को तरजीह देती हैं। बिष्टुपुर स्थित लैक्मे सलून के हेयर स्टाइलिस्ट नवाब खान बताते हैैं कि बात जब बालों की आती है तो महिलाओं के लिए अपनी पसंद ज्यादा मायने नहीं रखती। उन्होंने बताया कि ज्यादातर महिलाएं या तो स्टाइलिस्ट के सजेशन पर भरोसा करती हैं या फिर अपने फ्रेंड्स या कलिग्स के पसंद को अपनाती हैं। कुछ ऐसी ही ऑब्जर्वेशन मोक्ष सैलून के हेयर स्टाइलिस्ट अरविंद की भी है। उन्होंने बताया कि लड़कियां खुद से कोई स्टाइल सोचकर नहीं आती बल्कि उनमें से करीब 70 पर्सेंट स्टाइलिस्ट की सजेशन को अपनाती हैं। कुछ ऐसा ही ट्रेंड मेकअप में भी दिखाई देता है। लैक्मे की मेकअप आर्टिस्ट मिताली बताती हैं कि मेकअप कैसा हो ये डिसाइड करने में दूसरों का ही बड़ा रोल होता है।

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive