- इलाहाबाद से सिरसा तक 44 किलोमीटर गंगा क्षेत्र में है बालू

- जहां बरसात के अलावा अन्य महीनों में एक मीटर से भी कम रहता है पानी

- जहाज चलाने के लिए कम से कम दो मीटर का वाटर लेवल है जरूरी

ALLAHABAD: मोदी सरकार ने इलाहाबादियों के साथ ही देश भर के लोगों को पश्चिम बंगाल के हल्दिया से इलाहाबाद तक जलमार्ग से जोड़े जाने का जो सपना दिखाया है, उस सपने के बीच ब्ब् किलोमीटर का ब्रेकर है। मोदी सरकार जब तक इस ब्रेकर को नहीं हटाती है, तब तक नेशनल वाटर वे-क् पर जहाज नहीं चल सकती है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि ये ब्रेकर आज से नहीं बल्कि पिछले कई वर्षो से है, जिसके लिए इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय अधिकारियों की ओर से कई बार लेटर लिखा जा चुका है। इलाहाबाद कार्यालय ने छह महीने पहले भी अधिकारियों को लेटर लिखा था, लेकिन इस ब्रेकर को हटाने और ड्रेजिंग कराने का काम अभी तक न शुरू हुआ है और न ही कोई आदेश आया है।

वाटर लेवल की है समस्या

एडब्ल्यूएआई कर्मचारियों की मानें तो नेशनल वाटरवे पर जहाज चलाने के लिए कम से कम डेढ़ मीटर का वाटर लेवल जरूरी है। जब तक डेढ़ मीटर पानी नहीं रहेगा, जहाज नहीं चल सकेगा। डेढ़ मीटर से ऊपर दो-तीन मीटर पानी रहने पर लोडेड जहाज को चलाने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन इलाहाबाद में वाटर लेवल को मेंटेन करने की समस्या है। यहां इलाहाबाद से सिरसा तक सबसे ज्यादा लो वाटर लेवल की प्रॉब्लम है। जहां मार्च, अप्रैल, मई और जून महीने में ही नहीं बल्कि जुलाई और अगस्त में भी वाटर लेवल एक मीटर से कम रहता है। ऐसे में जहाज कैसे चलेगा। ये सबसे बड़ा मुद्दा है।

सिरसा से इलाहाबाद की राह आसान नहीं

इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद के कर्मचारियों की मानें तो इलाहाबाद से सिरसा की दूरी वाटरवे से ब्ब् किलोमीटर के करीब है। लेकिन इस ब्ब् किलोमीटर के वाटर वे पर जहाज चलाना आसान नहीं है। क्योंकि इलाहाबाद से सिरसा तक जल मार्ग की गहराई काफी कम है। जहाज चलाने के लिए दो मीटर गहराई होनी चाहिए।

बगैर ड्रेजिंग के जहाज चलाना मुश्किल

इलाहाबाद-सिरसा के बीच जलमार्ग में गहराई कम होने के कारण इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कर्मचारियों ने जलमार्ग की ड्रेजिंग कराए जाने की रिपोर्ट गवर्नमेंट को भेज दी है। करीब छह महीने पहले ही सर्वे के आधार पर रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। जिसमें लिखा गया है कि सिरसा से इलाहाबाद के बीच ड्रेजिंग कराए बगैर यानी बालू को हटाए बिना जहाज नहीं चलाया जा सकता है। अगर बालू को हटा दिया जाए तो वाटर फ्लूएंसी बढ़ सकती है.जलमार्ग पर जहाज चलाने के लिए डेढ़ मीटर से ऊपर होना चाहिए जलस्तर। लेकिन वास्तविक स्थिति है उल्टी

जलस्तर की स्थिति

मंथ- वाटर लेवल

अप्रैल- 0.8- 0.9 मीटर

मई- 0.7- 0.7 मीटर

जून- 0.8- 0.8 मीटर

जुलाई- क्.7 मीटर

अगस्त- सितंबर- बारिश के कारण नहीं होती इन दो महीने वाटर लेवल की गणना

Posted By: Inextlive