राजीव गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट था नेशनल वाटरवे-1

- राजीव गांधी की पहल पर ही 1986 में घोषित हुआ था हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग

- आईडब्ल्यूएआई ने नेशनल वाटरवे पर शुरू किया काम, लेकिन इलाहाबाद को लेकर फिलहाल नहीं है कोई प्लान

ALLAHABAD: नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया-इलाहाबाद को वाराणसी तक ही सीमित किए जाने की आशंका को लेकर आई नेक्स्ट ने जिस इनवेस्टिगेशन की शुरुआत की थी, धीरे-धीरे वो अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही है। इस मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। जो यह बताता है कि पीएम ने हल्दिया से इलाहाबाद तक भले ही जहाज चलाने की घोषणा की है, लेकिन आईडब्ल्यूएआई के टारगेट और प्लानिंग में अभी इलाहाबाद के लिए कोई जगह नहीं है। सारी तैयारी, फोकस और प्लानिंग केवल पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक ही है।

एनुअल प्लान में भी नहीं है इलाहाबाद

एनडीए गवर्नमेंट ने जिस नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया-इलाहाबाद के बीच जहाज चलाने का ऐलान किया है। उसे डेवलप करने के लिए अभी तक आईडब्ल्यूएआई ने कोई प्लान नहीं बनाया है। फाइनेंशियल ईयर-ख्0क्ब्-क्भ् में फिलहाल इलाहाबाद वाटरवे पर कोई काम नहीं होना है। जो भी काम होगा वो हल्दिया टू वाराणसी होगा.आईडब्ल्यूएआई के सोर्सेज की मानें तो पटना क्षेत्रीय कार्यालय ने ख्0क्ब्-क्भ् के लिए जो वर्क प्लान तैयार किया है, उसमें हल्दिया-इलाहाबाद नेशनल वाटरवे का जिक्र तो किया है, लेकिन ड्रेजिंग, वाटर लेवलिंग के साथ ही जहाज को लाने और ले जाने की तैयारी के साथ ही अन्य विभागीय कामों को केवल वाराणसी तक ही कराए जाने का जिक्र किया है।

घटा दिया टर्मिनल का बजट

करछना के लवाइन गांव में आईडब्ल्यूएआई का टर्मिनल बना है। जहां जहाज रोकने अनलोडिंग और लोडिंग के लिए स्टॉफ के साथ ही पूरा टेक्निकल इंतजाम होना चाहिए। लेकिन टर्मिनल अभी तक डेवलप नहीं है। टर्मिनल डेवलपमेंट के लिए क्ब् लाख रुपए ख्0क्फ्-क्ब् के बजट में जारी किया गया था। लेकिन इस साल पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद भी टर्मिनल डेवलपमेंट के लिए कोई बजट नहीं दिया गया। यही नहीं टर्मिनल का बजट इस साल घटा दिया गया। पिछले साल क्ब् लाख दिया गया था, इस साल केवल पांच लाख का ही बजट जारी किया गया है। नौ लाख रुपया घटा दिया गया है। नेशनल वाटरवे-को वाराणसी तक सीमित किए जाने की कहीं ये राजनीतिक साजिश तो नहीं, ताकि पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी की ख्याति बढ़ती रहे और पीएम की जय-जयकार होती है।

राजीव गांधी के प्रयास से आया था अस्तित्व में

आज मोदी सरकार भले ही नमामि गंगा प्रोजेक्ट के नाम पर गंगा के विकास और जलमार्ग शुरू करने की बात कर रही है, लेकिन इलाहाबाद को हल्दिया से जलमार्ग से जोड़ने का प्रयास पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था। नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया-इलाहाबाद पूर्व प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट था। राजीव गांधी के प्रयास से ही हल्दिया से इलाहाबाद के बीच सर्वे हुआ था और क्98म् में राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया-इलाहाबाद अस्तित्व में आया था। क्योंकि राजीव गांधी इलाहाबाद को हल्दिया से जोड़ने के साथ ही यहां विकास की गंगा बहाना चाहते थे। नेहरू परिवार का सदस्य होने के कारण इलाहाबाद से उनका विशेष लगाव था।

तैनात थे क्भ्0 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी

क्98म् में जब हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग-क् अस्तित्व में आया तो इस प्लान के लिए पायलट प्रोजेक्ट चालू किया गया। जो बाद में आईडब्ल्यूएआई में मर्ज हो गया। इलाहाबाद उस समय आईडब्ल्यूएआई का बेस ऑफिस माना जाता था। जहां करीब डेढ़ सौ से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती थी। सभी यहां बैठते थे, जिनमें से ज्यादातर लोग इलाहाबाद व आसपास के डिस्ट्रिक्ट के थे। क्990 तक कार्यालय चला, उसके बाद कभी यहां तो कभी वहां कार्यालय बदलता गया और कर्मचारियों की संख्या कम होने लगी।

Posted By: Inextlive