ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव आज से शुरू हो गया है। इस रथ यात्रा में 50 फुट ऊंचे रथों जिन रथों पर जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा बैठते हैं वो आकर्षण का केंद्र होते हैं। आइए जानें इनकी खासियत...


पुरी (एएनआई)। ओडिशा के पुरी में नाै दिन तक धूमधाम से मनाए जाने वाला जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव आज से शुरू हो गया है। इस भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि फ्रांस, अमेरिका, जापान और चिली से भी लोग आते हैं। तीनों ही देवों के रथ हर साल नए तैयार होतेरथ यात्रा में जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के भव्य रथ शामिल हाेते हैं। ओडिशा के पुरी में निकलने वाली भव्य रथ यात्रा में रथ ही आकर्षण का केंद्र होते हैं। चीफ पेंटर विजय कू मोहपात्रा कहते हैं कि तीनों ही देवताओं के हर साल नए रथ तैयार होते हैं। 6-7 तरह की लकड़ियाें से ये तैयार होते रथ


ये पारंपरिक कलाकारों द्वारा तैयार किए जाते हैं। फासी, धोरा, आसन और माही जैसी 6-7 तरह की लकड़ियाें से ये तैयार किए जाते हैं।भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ लगभग 50 फुट ऊंचे होते हैं और इनमें 16, 14 और 12 पहिए होते हैं। कलाकार रंग भरकर एक खूबसूरत रूप देते

इन रंग-बिरंगे रथाें को बनाने बेहद सक्रियता बरती जाती है।रथाें के निर्माण में हजारों दस्तकारी कई महीने पहले से काम शुरू कर देते हैं। कारपेंटर जहां लकड़ी पर बेहद खूबसूरत नक्काशी उकेरते हैं। वहीं पारंपरिक कलाकार इनमें रंग भरकर एक खूबसूरत रूप देते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा : अच्छे कर्म वालों को ही मिलता है जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ बनाने का माैकारथों को मंत्रों और शंखों के साथ खींचा जातायात्रा के दैरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को मंत्रों और शंखों के साथ खींचा जाता है। खास बात तो यह है कि रथ को करीब 50 मीटर लंबे रस्से से खींचने की रस्म निभाई जाती है। इसमें पुलिस कर्मियों से लेकर आम जनता होती है।

Posted By: Shweta Mishra