-तीन हफ्ते में आएगी नैनी में हुए जगुआर क्रैश की रिपोर्ट

-उड़ान भरने से पहले और लैंडिंग के बाद होती है जांच

-मंगलवार को भी जांच के बाद ही जगुआर ने भरी थी उड़ान

allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: इंडियन एयर फोर्स का भरोसेमंद फाइटर प्लेन जगुआर जब-जब उड़ान भरता है और बेस पर लैंड करता है, तो उसकी टर्न राउण्ड सर्विस कई चैनल में होती है। इंजन से लेकर प्रत्येक इंपार्टेट पार्ट चेक होता है। ट्यूजडे मॉर्निग में बमरौली स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर उड़ान भरने से पहले जगुआर की टर्न राउण्ड सर्विस हुई थी। जांच के बाद ही इंजीनियर्स की ओके रिपोर्ट पर जगुआर ने उड़ान भरा था। इसके बाद भी क्रैश हो गया। आखिर चूक कहां हुई, इसका पता लगाने के लिए रक्षा मंत्रालय के आदेश पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू हो गई है।

तीन हफ्ते में आएगी रिपोर्ट

रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को ही जगुआर जेटी 0म्0 के क्रैश होने के मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया था जिसके बाद अब जांच शुरू हो गई है। सोर्सेज के मुताबिक, जांच में जगुआर से जुड़े हर प्वाइंट को शामिल किया जाएगा। जगुआर के सर्विस और मेंटेनेंस सिस्टम से लेकर फ्यूचर में दोबारा इस तरह की घटनाएं न हों, इन सब प्वाइंट पर जांच होगी। इसकी रिपोर्ट आने में करीब तीन हफ्ते का समय लग सकता है। रिपोर्ट पूरी तरह से कांफिडेंशियल होगी, जो रक्षा मंत्रालय को सौंपी जाएगी जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ही फैसला लेगा।

यहां हैं कई जगुआर

इंडियन एयर फोर्स के मध्य कमान इलाहाबाद के बेड़े में एक नहीं बल्कि कई जगुआर मौजूद हैं। फाइटर प्लान जगुआर की पूरी एक यूनिट है।

नो फ्लाइंग जोन छोड़ कहीं भी उड़ सकते हैं फाइटर प्लेन

इंडियन एयर फोर्स का फाइटर प्लेन रेजीडेंशियल एरिया के ऊपर से ही नहीं बल्कि कहीं से भी गुजर सकता है, लेकिन नो फ्लाइंग जोन को छोड़कर। सेना के लिए भी नो फ्लाइंग जोन एरिया डिसाइड है।

यह हैं नो फ्लाइंग जोन

- ताज महल

- पार्लियामेंट बिल्डिंग

- इंडियन एयर फोर्स बेस

- राष्ट्रपति भवन

- द टॉवर ऑफ साइलेंस मुंबई

- मथुरा रिफाइनरी

- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुवनंतपुरम

- तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर

- भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर

- कलपक्कम न्यूक्लीयर इंस्टालेशन, तमिलनाडू

Posted By: Inextlive