RANCHI : रांची के चिरौंदी में बने साइंस सिटी में अब काफी कुछ देखने लायक नहीं रहा। साइंस की अद्भुत दुनिया को जानने व समझने के मकसद से इस सिटी का निर्माण कराया गया था। लेकिन वर्तमान में यहां के 70 परसेंट एग्जीबिट्स ( साइंस से जुड़े मॉडल्स) डेड हो चुके हैं। मेंटीनेंस और स्टॉफ की कमी के कारण साइंस सिटी में आधे से भी ज्यादा एग्जीबिट्स खराब हाल में पड़े हैं। वहीं इंफॉर्मेशन के लिए कुछ आंकड़े लगाए थे वह भी नौ साल में बदले नहीं गए। आज भी साइंस सिटी में 2009 का ही डाटा मौजूद है। बच्चों के जिज्ञासा को शांत करने व उनकेनॉलेज को बढ़ाने के लिए इस साइंस सिटी का 2010 में शुभारंभ हुआ था, लाखों रुपए के एग्जीबिट्स लगाए गए थे। यहां ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन के भी साधन मौजूद थे। लेकिन मेंटीनेंस के अभाव में सब बर्बाद होते जा रहे हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स का साइंस सिटी को देखने की इच्छा अब खत्म होती जा रही है।

99 में से 63 एग्जीबिट्स खराब

साइंस सिटी में तीन अलग-अलग गैलरी का निर्माण कराया गया था। जिसमें रिर्सोसेज ऑफ झारखंड, फन साइंस व हाउज थींग्स वर्क शामिल है। तीनों गैलरी में कुल 99 एग्जीबिट्स लगाए गए थे, जिनमें से 63 एग्जीबिट्स डेड हो चुके हैं। रिर्सोसेज ऑफ झारखंड में 11 एग्जीबिट्स थे, जिनमें से 7 खराब पड़े हैं, फन साइंस में 60 एग्जीबिट्स थे। इनमें भी 36 खराब हो चुके हैं, जबकि हाउज थिंग्स वर्क गैलरी में 28 एग्जीबिट्स तो हैं लेकिन 20 डेड हैं। इनमें कुछ ऐसे भी एग्जीबिट्स हैं जो किसी तरह से जुगाड़ टेक्नोलॉजी से चल रहे हैं।

2010 में हुआ था शुभारंभ

साइंस सिटी का शुभारंभ 2010 में हुआ था। यहां साइंस और टेक्नोलॉजी की अद्भुत दुनिया थी जिसमें नॉलेज के लिए काफी सारे इक्विपमेंट्स थे। 12 एकड़ में फैले इस सिटी का निर्माण सात करोड़ में किया गया था। जहां तीन गैलरी के अलावा थ्रीडी प्रेजेंटेशन थिएटर, ऑडिटेरियम, चिल्ड्रेन कॉनर्र, कम्प्यूटर रूम, लैब व साइंस पार्क का भी निर्माण कराया गया था। लेकिन सभी की हालत अब खराब हो चुकी है। कई एग्जीबिट्स के लाइसेंस एक्सपायर हो चुके हैं। तो वहीं कुछ के सॉफ्टवेयर नहीं होने के कारण वह संचालित नहीं हो पा रहे हैं।

वर्जन

भारत सरकार की एजेंसी एनसीएसएम सभी डेड पड़े एग्जीबिट्स की मरम्मत कराएगी। इस दिशा में पहल शुरू हो चुकी है। जल्द ही एग्जीबिट्स की व साइंस सिटी की रिपेयरिंग शुरू हो जायेगी।

डॉ। जीएसपी गुप्ता, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, साइंस सिटी, चिरौंदी

Posted By: Inextlive