एवरग्रीन-फेमस शोले मूवी को भला कौन भूल पाएगा. आज भी लोग इस मूवी के जय और वीरू की दोस्ती की मिशाल दिया करते हैं. ऐसी ही कुछ दोस्ती है देहरादून के ओजस्वी खन्ना और नीरज ढींगरा की. दोनों पार्टनरशिप में ऑटो-मोबाइल का बिजनेस करते हैं. अब राजस्थान के रेगिस्तान में होने जा रही 850 किलोमीटर की कार रैली को दोनों ने साथ मिलकर जीतने की ठानी है. डगर मुश्किल जरूर है लेकिन दोनों के इरादे जय और वीरू की जोड़ी के जैसे मजबूत हैं. यहां सामने गब्बर डाकू नहीं है लेकिन सामने 850 किलोमीटर का डेंजरस रेगिस्तान का सफर हैं. जहां कदम-कदम पर जान जोखिम में होगी और हेल्प करने वाला दूर-दूर तक नजर नहीं आएगा.


गाड़ी में किया विशेष मॉडिफिकेशनयह रैली 10 से 12 जनवरी तक जयपुर से पुष्कर तक रेगिस्तानी रूट पर ऑर्गनाइज होगी। ओजस्वी और नीरज ढ़ींगरा इस कार रैली में महिन्द्रा की अपनी कार से पार्टिसिपेट करेंगे। इसके लिए इन्होंने अपनी कार को विशेष रूप से मोडिफाई किया है। कार में विशेष रूप से ट्यूबलेस टायर, इंजन की सेफ्टी के लिए इंजन के नीचे एक प्लेट लगाई गई है। चारों पहियों में स्पेशल पॉवर होगी। इसके लिए खास गीयर लगाया जाएगा,जो नॉरमल गाडिय़ों के मुकाबले बेहतर होगा। उन्होंने पहली बार जिस कार रैली में पार्टिसिपेट किया था, वहां उन्होंने 1000 किलोमीटर की यह रेस पूरी की।टीडीएस पर रहेगा विशेष ध्यान
ओजस्वी ने बताया कि यह रैली टाइम, डिस्टेंस और स्पीडक्र(टीडीएसक्र)पर निर्धारित होगी। निर्धारित समय और डिस्टेंस में जो भी पार्टिसिपेंट बेस्ट परफॉर्म करेगा। वही विनर बनेगा। ओजस्वी ने बताया कि बिजनेस से टाइम निकालते हुए हमने खूब प्रेक्टिस की है। छोटी सूखी नदियों, पथरीले व रेतीले रास्तों के आलवा लिट्रेचर भी पढ़ा। क्योंकि यह रैली जीतने के लिए ड्राइविंग सीट पर हिम्मत और ताकत के अलावा लिट्रेचर का नॉलेज होना भी जरूरी है। क्योंकि रैली शुरू होने से 5 मिनट पहले रूट बुक मिलता है, जिसका ध्यान रखना पड़ता है। रूट बुक समझ में नहीं आई तो रास्ता भटकने का पूरा चांस है।

Posted By: Inextlive