भाजपा सरकार में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर डीडीसीए में भ्रष्‍टाचार मामले में अपना नाम घसीटने के लिए सोमवार को 10 करोड़ की मानहानि का दीवानी और जेल के लिए आपराधिक मुकदमा फाइल कर दिया है। इसके साथ ही आप के कुमार विश्वास आशुतोष संजय सिंह राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी पर भी मुकदमा किया है। जबकि इस मामले को सबसे पहले सामने लाने वाले अपनी ही पार्टी के कीर्ति आजाद को छोड़ दिया है जिस पर कीर्ति ने सवाल उठाये हैं।

डरा नहीं सकते जेटली केजरीवाल
आम आदमी पार्टी और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच डीडीसीए (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन) में भ्रष्टाचार को लेकर शुरू हुई लड़ाई सोमवार को अदालत तक पहुंच गई। जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आप के छह नेताओं के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक तो हाई कोर्ट में दस करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा किया है। पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य महानगर दंडाधिकारी संजय खंगवाल ने जेटली को समन से पूर्व सुबूत पेश करने का निर्देश देते हुए मामले की तारीख पांच जनवरी तय की है। हाई कोर्ट में मंगलवार को संयुक्त रजिस्ट्रार मामले पर सुनवाई करेंगे। हाई कोर्ट में आप की तरफ से भी याचिका दायर कर जेटली की याचिका पर सुनवाई से पहले उनका पक्ष जानने के लिए अर्जी लगाई गई है। इस बारे में केजरीवाल का कहना है कि जेटली दावा ठोक कर उन्हें धमका नहीं सकते। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने ये भी कहा कि पहले वित्त मंत्री जांच आयोग के समक्ष खुद को बेगुनाह साबित करें। वहीं भजपा सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि डीडीसीए उनका मुद्दा है, वे वर्षों से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं। राजनीतिक लाभ के लिए आप ने इसे हथिया लिया है इसलिए मानहानि का केस तो उन पर लगाना था।
अदालत ने मामला लिया संज्ञान में
मुख्य महानगर दंडाधिकारी की अदालत में लंच के बाद दोपहर दो बजे से मामले में सुनवाई शुरू होनी थी। दस मिनट पहले ही जेटली की तरफ से 10 से 15 वकीलों की टीम अदालत परिसर में पहुंच गई। जेटली के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत को बताया कि केजरीवाल समेत आप के नेता लगातार केंद्रीय वित्त मंत्री को निशाना बना रहे हैं। वित्त मंत्री पर डीडीसीए में धांधली से संबंधित लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा कि जेटली ने यह मानहानि याचिका निजी क्षमता पर लगाई है। लिहाजा, दलीलों को सुनने के बाद मामले पर संज्ञान लिया जाता है और शिकायतकर्ता को यह मौका दिया जाता है कि वह अपनी याचिका के संबंध में अदालत के समक्ष सुबूत प्रस्तुत करे। करीब आधे घंटे तक चली दलीलों के दौरान अदालत को बताया गया कि मुख्यमंत्री के साथ-साथ आप नेता कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा व दीपक वाजपेयी ने जेटली के खिलाफ झूठा एजेंडा चलाया हुआ है। अदालत को बताया गया कि डीडीसीए की वर्षों तक अगुआई करने के बावजूद जेटली ने एक रुपया भी नहीं लिया। इस पर अदालत ने पूछा कि आपके पास इस संबंध में डीडीसीए के रिकॉर्ड प्रस्तुत किए गए हैं क्या? जेटली की तरफ से नहीं में जवाब देते हुए बताया गया कि वह 2013 के बाद से डीडीसीए में कोई पदभार नहीं संभाल रहे हैं। हालांकि, इन रिकॉर्ड को आगे समन कर मंगाया जा सकता है। इस पर अदालत ने कहा कि आज सुबूत दर्ज होने की कार्रवाई नहीं हो सकती। अदालत ने मामले पर संज्ञान लेते हुए शिकायतकर्ता को अगली तारीख पर उसकी याचिका के संबंध में सुबूत प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
जेटली के वकील ने रखा पक्ष
इस मामले में जेटली के वकील सिद्धार्थ लूथ्रा ने उनका पक्ष अदालत के सामने रखा। उन्होंने कहा कि डीडीसीए में कथित धांधली को लेकर वित्त मंत्री पर बेबुनियाद व मानहानिकारी आरोप लगाए गए हैं। जेटली और उनके परिवार ने डीडीसीए से एक रुपया नहीं लिया। इसके लिए रिकॉर्ड तलब किए जा सकते हैं। लूथरा ने कहा कि आप नेताओं ने पत्रकार वार्ता और ट्विटर अकाउंट से भी जेटली की मानहानि की है। आप ने 21 सेंचुरी मीडिया प्रा.लि. से रिश्ते का झूठा आरोप लगाया। न तो जेटली और न ही उनके परिवार का कंपनी से कोई संबंध है। साथ ही राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में आरोपी कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी से जेटली की तुलना करने वाले पोस्ट लगातार फेसबुक व ट्विटर पर चलाए जा रहे हैं।

जेठमलानी बने केजरी के वकील
वहीं वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील होंगे। वह उनके खिलाफ दायर सिविल और क्रिमिनल मामलों की पैरवी करेंगे। इस केस में जेटली की तरफ से आपराधिक मानहानि के मामले में आइपीसी की धारा 499 (मानहानि), 500 (मानहानि के लिए सजा), 501 (मानहानि के लिए इस्तेमाल छपी हुई सामग्री), 502 (मानहानि में इस्तेमाल सामग्री की बिक्री), 34 (एक ही उद्देश्य से एक से अधिक व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध) व 35 के तहत शिकायत दी गई है। वरिष्ठ वकील अमित साहनी ने बताया है कि आपराधिक मानहानि के मामले में अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है। पेश मामले में अगर अदालत को लगता है कि जेटली की तरफ से पेश सुबूतों में दम है तो समन भेजकर केजरीवाल व अन्य आरोपियों को बुलाया जाएगा। इसके बाद मामले में ट्रायल शुरू होगा। इस मौके पर कई मंत्री और नेता मौजूद थे। करीब आधे घंटे तक चली सुनवाई में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल और  राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी अदालत में मौजूद थे।

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Posted By: Molly Seth