पूर्ववर्ती सपा सरकार मे जल निगम में नियमों को दरकिनार कर हुई 1300 भर्तियों की जांच के दायरे में पूर्व काबीना आजम खान आ गये हैं.


भर्ती से जुड़ी कई फाइलों की जांच मे आजम खान के मिले दस्तखतLUCKNOW :पूर्ववर्ती सपा सरकार मे जल निगम में नियमों को दरकिनार कर हुई 1300 भर्तियों की जांच के दायरे में पूर्व काबीना आजम खान आ गये हैं। भर्ती घोटाले की जांच कर रही यूपी पुलिस की एसआईटी ने मंगलवार को आजम खान को नोटिस देकर तलब कर लिया है। उन्हें आगामी 22 जनवरी को गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित एसआईटी मुख्यालय बुलाया गया है। योगी सरकार में सपा सरकार के किसी मंत्री को घोटाले में नोटिस देकर तलब करने का यह पहला मामला है। ध्यान रहे कि आजम खान सपा सरकार में नगर विकास मंत्री के अलावा जल निगम के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे।दो करीबियों के बयान के बाद नोटिस


उल्लेखनीय है कि 'दैनिक जागरण आईनेक्स्ट' ने अपने पिछले अंक में खुलासा किया था कि जल निगम भर्ती घोटाले में एसआईटी पूर्व मंत्री आजम खान को तलब कर पूछताछ करने जा रही है। आजम खान को यह नोटिस एसआईटी के एसपी नागेश्वर सिंह की ओर से भेजा गया है। खास बात यह है कि आजम के दो करीबियों पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह और जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी से पूछताछ और उनके बयान के बाद उन्हें नोटिस भेजी गयी है। एसआईटी के सूत्रों की मानें तो जांच में सामने आया है कि उन्होंने बतौर जल निगम के अध्यक्ष भर्तियों से जुड़ी तमाम स्वीकृतियां दी। तमाम फाइलों में उनके दस्तखत भी मिले हैं जिससे उनसे पूछताछ करना जरूरी हो चुका है। वहीं दूसरी ओर भर्तियों के दौरान हुए इंटरव्यू को लेकर भी एसआईटी उनसे कुछ अहम सवाल करने की तैयारी में है। ध्यान रहे कि एसआईटी ने सोमवार को पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह और ओएसडी आफाक को तलब कर उनसे गहन पूछताछ की थी।जांच में सामने आया था फर्जीवाड़ा

दरअसल, सपा सरकार के कार्यकाल के अंतिम दौर में जल निगम में 1300 पदों पर भर्तियां की गयी थी। ये भर्तियां सहायक अभियंता, अवर अभियंता और नैतिक लिपिक के पदों पर हुई थी। जांच में सामने आया है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया आनन-फानन में छह हफ्ते में पूरी कर ली गयी। इसका रिजल्ट जारी होने के अगले दिन ही प्रदेश में चुनाव की आदर्श आचार संहिता भी लग गयी। वहीं भर्तियों में हुई धांधलियों की शिकायत लेकर तमाम अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गये। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शासन ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जिसकी रिपोर्ट में भर्तियों में फर्जीवाड़ा होने की पुष्टि होने पर 122 सहायक अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही इस मामले की जांच एसआईटी के सुपुर्द कर दी।

Posted By: Inextlive