- हल्दिया-इलाहाबाद जल मार्ग पर पीपा पुल की वजह से इलाहाबाद से चुनार तक पहुंचने में लगते हैं पांच से छह दिन

- पीपा पुल बनाने में नहीं ली जाती एनओसी

ALLAHABAD: नेशनल वाटरवे हल्दिया-इलाहाबाद के बीच इलाहाबाद रीजन में ब्ब् किलोमीटर ब्रेकर के साथ ही रामपुर से इलाहाबाद के बीच में बने पीपा पुल भी बड़ी समस्या हैं। जिनमें से कुछ पीपा पुल आईडब्ल्यूएआई से एनओसी लिए बगैर चल रहे हैं तो कुछ में ओपनिंग सिस्टम नहीं है। इसका सामना अभी तक इस मार्ग से गुजरे जहाजों को करना पड़ा है। एक-दो दिन का सफर पीपा पुल की वजह से पांच से छह दिन में तय किया जाता है। वहीं पीपा पुल से रास्ता न दिए जाने के कारण प्राइवेट कंपनी को लाखों रुपए का जुर्माना भरना पड़ा है। इस स्थिति में अब प्राइवेट कंपनी नेशनल वाटरवे पर जहाज चलाने को तैयार ही नहीं है।

तो क्या बगैर एनओसी के बन गए

इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक्ट क्98भ् में इस बात का उल्लेख है कि नेशनल वाटरवे पर अगर कहीं कोई पीपा पुल बनाया जाता है, या पुल का निर्माण किया जाता है, तो पुल बनाने से पहले आईडब्ल्यूएआई से एनओसी लेना जरूरी है। वहीं आईडब्ल्यूएआई इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि वाराणसी के रामनगर से इलाहाबाद के बीच में कुल पांच पीपा पुल बनाए जाते हैं, जिसमें से तीन तो बहुत पुराने हैं, लेकिन दो नए पुल जो बनते हैं, उसे बनाने से पहले एनओसी नहीं ली गई है। आईडब्ल्यूएआई ने एनओसी नहीं दिया है।

रास्ता नहीं दिया, लगा दिया जुर्माना

आईडब्ल्यूएआई क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारियों की मानें तो नेशनल वाटरवे-क् पर जहाज चलाने के लिए ख्0क्फ् में एक प्राइवेट कंपनी को मोटिवेट किया गया था। जिसके बाद इस्टर्न नेविगेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हल्दिया-इलाहाबाद जलमार्ग पर जहाज चलाने को तैयार हुई थी। क्9.क्ख्.ख्0क्फ् को जहाज म्0क् मीट्रिक टन सामान लेकर इलाहाबाद पहुंचा था। जहाज तो इलाहाबाद पहुंच गया था। इसके बदले कंपनी को जुर्माने के रूप में क्0 लाख फ्7 हजार रुपए भरना पड़ा था। क्योंकि भटौली पुल के पास से गुजरते समय जहाज पीपा पुल से टकरा गया था, जिसके बाद पुल की मरम्मत का खर्च दिखाते हुए साढ़े दस लाख रुपये वसूला गया था। आईडब्ल्यूएआई के सूत्रों की मानें तो जहाज काफी चौड़ी थी। केवल क्00 फीट रास्ता दिया गया था। जबकि जहाज के लिए और जगह देनी चाहिए थी।

अब नहीं आना चाहती प्राइवेट कंपनी

आईडब्ल्यूएआई कार्यालय की मानें तो एक बार साढ़े दस लाख रुपए का जुर्माना देने के बाद अब इस्टर्न नेविगेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नेशनल वाटरवे-क् हल्दिया-इलाहाबाद पर जहाज चलाने को तैयार नहीं है। इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने कंपनी से संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने अपना जहाज भेजने से इनकार कर दिया।

फ्ब्फ् एमटी सामान लेकर आ रहा जहाज

सिरसा में बन रहे थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट के लिए बड़ा ट्रांसफार्मर मंगाया गया है। जो ट्रेन और सड़क मार्ग के जरिये नहीं पहुंच सकता है। इसलिए जहाज की मदद से कोलकाता से ट्रांसफार्मर लाया जा रहा है। फ्ब्फ् मीट्रिक टन वजन का ट्रांसफार्मर लेकर जहाज ख्क् अगस्त को कोलकाता से निकला है, जिसके दो-चार दिन में कोहड़ार घाट तक पहुंचने की उम्मीद है। आईडब्ल्यूएआई के कर्मचारियों का कहना है कि अभी गंगा में जलस्तर की स्थिति ठीक है, इसलिए सिरसा तक वाटर लेवल की प्रॉब्लम नहीं होगी।

Posted By: Inextlive