-कानपुर से गंगा नदी में तैरते हुए वाया इलाहाबाद व मीरजापुर होते हुए बनारस पहुंची जलपरी श्रद्धा

-अड़चनों व विवादों के बीच सात दिन के बदले दस दिन में पहुंची काशी

VARANASI

तमाम तरह की बाधाओं व अड़चनों की जंजीर को तोड़ जलपरी श्रद्धा शुक्ला कानपुर से गंगा की तेज लहरों को चीरती हुई 570 किलोमीटर की दूरी दस दिन में तय कर मंगलवार को बनारस पहुंची। विवादों के बीच मिली सफलता के बाद शाम को दशाश्वमेध घाट पर सरस्वती स्विमिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। अकबर अली व सचिव नारायण चटर्जी ने श्रद्धा का वेलकम किया।

देश के लिए जीतना है medal

मीडिया से बातचीत में जलपरी श्रद्धा ने कहा कि अब नदी छोड़कर स्विमिंग पुल में प्रैक्टिस करूंगी क्योंकि लक्ष्य एशियाड व ओलंपिक में भाग लेकर देश के लिए मेडल जीतना है। दादा, मां व पिता की प्रेरणा से यह सफलता मिली है। विवाद व अड़चनों पर कही कि विनोद कापड़ी ने बेवजह मेरे पिता को और मुझे परेशान किया। क्लास नाइन की कॉमर्स स्टूडेंट श्रद्धा ने कहा कि चुनार और कालाकाकड़ के पास पानी का बहाव ज्यादा होने से मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

पुलिस के साथ पूरा हुआ सफर

श्रद्धा की टीम के साथ चले रहे चर्चित निर्देशक विनोद कापड़ी बनारस में नहीं दिखाई दिए। इलाहाबाद में एक वीडियो जारी कर कापड़ी ने ब्लेम लगाया था कि श्रद्धा लगातार तैर नहीं रही। घनी बस्ती दिखने पर भ्00-म्00 मीटर तैर रही है। विवाद का यह सिलसिला मीरजापुर तक चला, इसके बाद पुलिस सुरक्षा में श्रद्धा का सफरनामा पूरा हुआ।

रिकॉर्ड नहीं, चुनौती थी तैराकी

मीडिया से बातचीत में जलपरी श्रद्धा के पिता ललित शुक्ला ने कहा कि विनोद कापड़ी जैसे लोग क्या बिगाड़ पाएंगे जब जनता हमारे साथ है। जनता ने हमेशा सहयोग व वेलकम किया। कहा कि मेरी बेटी ने रिकॉर्ड के लिए नहीं बल्कि एक चुनौती के तौर पर भ्70 किमी तैरने का डिसीजन लिया।

Posted By: Inextlive