GORAKHPUR : पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के दुनिया में आने का मकसद यही था कि इंसान, इंसानों जैसी जिदंगी गुजारने का कानून पा जायें। मोहब्बत, उल्फत और आपस में भाईचारगी का माहौल बाकी रखकर एक खुदा की इबादत कर उसका करीबी बन जाए, ताकि इबादतों की वजह से दुनिया भी कामयाब हो जाए और आखिरत में भी। यह बातें मेहंदावल के मौलाना मुफ्ती अलाउद्दीन मिस्बाही ने कहीं। वह शाही जामा मस्जिद उर्दू बाजार पर चिश्तिया कमेटी की ओर से ऑर्गेनाइज क्7वें अजीमुश्शान जलसा-ए-ईदमिलादुन्नबी में आवाम को संबोधित कर रहे थे। प्रोग्राम की शुरुआत कुरआन पाक की तिलावत के साथ हुई। सरपरस्ती मौलाना रईसुल कादरी ने औश्र अध्यक्षता मो। वलीउल्लाह व शब्बीर साहेबान ने की। प्रोग्राम का संचालन मौलाना मकसूद आलम ने किया। इस दौरान नेमतुल्लाह, रईस अनवर, हिदायतुल्लाह, रजीउल्लाह, रफीउल्लाह, वसीउल्लाह, कारी अयाज, मौलाना अफजाल अहमद, गुलाम जुनैद, अहमद मौलाना अहमद मिस्बाही, शाद बस्तवी, मौलाना फैजुल्लाह, मौलाना मकबूल, मौलाना मोहम्मद अहमद, मौलाना अब्दुल्लाह बरकाती सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल रहे।

Posted By: Inextlive