- एक घंटे में पूरा होता है हापुड़ अड्डे से बच्चा पार्क का सफर

- बुढ़ाना गेट और बागपत अड्डे का भी बुरा हो रहा हाल

- गढ़ रोड पर बाजार लगाना है जाम का सबसे बड़ा कारण

Meerut: ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही शहर के लोगों पर भारी पड़ रही है। तभी तो हापुड़ अड्डा हो या बागपत अड्डा या बुढ़ाना गेट सभी पर वाहन चलते नहीं हैं, रेंगते दिखाई पड़ते हैं, जिससे मुसाफिरों का जहां एक ओर समय बर्बाद होता है, वहीं दूसरी ओर पैसे का भी लॉस होता है। हापुड़ व गढ़ रोड पर जाम का सबसे बड़ा कारण सड़क पर बाजार लगाना है। जिसको लेकर पुलिस के अधिकारी दावें तो कई बार कर चुके हैं, लेकिन अमल एक पर भी नहीं होता।

हापुड़ अड्डा

ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार जीरोमाइल चौराहे से रोजाना ख्0 हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन होता है। चौराहे पर कम से कम भ् ट्रैफिक पुलिस के जवान भी तैनात होते हैं। लेकिन पुलिस वाले भीषण गर्मी में छाया में बैठने के अलावा कुछ नहीं करते। जिससे जाम की स्थिति क्म् घंटे बनी रहती है।

जाम लगने के कारण

शहर के चौराहों पर पर पुलिस की अलर्टनेस न होना, चौराहे पर रेड लाइटों का ठीक न होना, वाहन चालकों द्वारा रेड लाइट जंप करना, सिटी बसों का कहीं भी रोककर सवारियां बैठाना, मेन सड़क के किनारे बाजार लगाना।

जाम का पीक टाइम

हापुड अड्डे पर सुबह 9 बजे से क्ख् बजे तक वाहनों का आवागमन: म्000 से 9000

वाहनों की औसत स्पीड़ फ् से 7 किमी प्रति घंटा

शाम ब् बजे से क्ख् बजे तक वाहनों का आवागमन: क्भ्000 से ख्0000

औसत स्पीड़: फ् से 7 किमी

क्या कहते हैं बाशिंदे

सड़क पर बाजार लगाना बंद

हापुड़ अड्डा चौराहे पुलिस को सड़क पर बाजार लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि मुसाफिरों को जाम से निजात मिल सके। खासकर गर्मी के दिनों में पुलिस वालों को छाया में न बैठकर जाम खुलवाना चाहिए, नहीं स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।

सुरेंद्र कुमार, सोफ्टवेयर इंजीनियर

ऑटो रिक्शा की एक लाइन

हापुड़ अड्डा चौराहा शहर का सबसे ज्यादा जाम वाला चौराहा कहा जाता है। लोग वहां से निकलते हुए घबराते हैं। चौराहे पर सबसे ज्यादा जाम का कारण ऑटो व रिक्शा हैं। अगर उनके लिए एक लाइन बना दी जाए तो जाम से निजात पाई जा सकेगी।

कशिश कसाना, स्टूडेंट

ख्। बागपत अड्डा

ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के अनुसार बागपत अड्डे से रोजाना लगभग ख्फ्000 हजार वाहन आते और जाते हैं। वहां दिनभर भारी जाम होता है। मेन चौराहे से रूड़की रोड बाईपास तक वाहन रेंगते हैं। लेकिन पुलिस वाले ट्रकों से उगाही करने में लगे रहते हैं।

जाम लगने के कारण

बागपत अड्डे पर जाम लगने का मुख्य कारण ट्रकों को बीच सड़क पर रोककर उगाही करना, दुपहिया वाहनों का लाइन तोड़कर इधर-उधर भागना, सड़क पर वाहन पार्क करना,

जाम का पीक टाइम

सुबह क्क् बजे से क् बजे तक औसत क्0000 से क्ख्000 वाहनों का आवागमन होता है।

औसत स्पीड फ् से ब् किमी प्रति घंटा

शाम ब् बजे से रात क्क् बजे तक क्क्000 से क्9000 वाहनों का आवागमन

औसत स्पीड ब् से म् किमी प्रति घंटा।

क्या कहना है इनका

मेरे घर से कॉलेज की दूरी मात्र 7 किमी है। मैं कॉलेज आराम से क्0 से क्भ् में पहुंच जाता हूं। लेकिन जाम के चलते कभी कभी एक घंटा लगता है। पुलिस जाम खुलवाने की बजाय जाम लगवाने में ज्यादा समय लगाती है।

अरशद, व्यापारी

पुलिस की अलर्टनेस बढे़

अगर बागपत अड्डे चौराहे पर पुलिस की सुस्ती उतरे तो जाम से निजात पाई जा सकती है। पुलिस केवल चौराहे पर खड़ी रहती है और बागपत रोड पर पांचली तक जाम लगा रहता है।

निमेश रस्तोगी, टीचर

फ्.बुढ़ाना गेट

बुढ़ाना गेट पर दोपहर के समय जाम की सबसे ज्यादा स्थिति रहती है। यहां से औसत रोजाना करीब क्0 हजार वाहनों का आवागमन होता है। जिसमें शहरी के लोग ज्यादा होते हैं।

जाम के कारण

सिटी बसों का चौराहे पर रोककर सवारी बैठाना, रिक्शाओं का जमवाड़ा, रेड लाइट जंप करना, दुकानों के आगे वाहन पार्क करना, रांॅग साइड से वाहन ले जाना

जाम का पीक टाइम

क्0 बजे से ख् बजे तक भ्000 हजार से 7000 वाहनों का आवागमन होता है

औसत स्पीड ख् से भ् किमी प्रति घंटा

शाम ब् बजे से रात 8 बजे तक लगभग 9000 वाहनों का आवागमन होता है

औसत स्पीड: भ् से क्0 किमी प्रति घंटा

क्या कहना है इनका

रेडी पटरी वालों की वजह से यहां जाम की स्थिति दिन निकलते ही शुरू हो जाती है। रात दस बजे तक जाम चलता है। अगर पुलिस कार्रवाई करे और इनकी एक निश्चित सीमा बना दी जाए तो जाम की समस्या काफी हद तक सुधर सकती है।

नफीश, फर्नीचर व्यापारी

बुढ़ाना गेट पर ज्यादातर दुकानें फर्निचर व रेवड़ी गजक की है। व्यापारी ये नहीं देखते कि सड़क पर अपना सामान रखो गए तो पब्लिक कहा से निकलेगी। ।

सुरेश सिंह, सरकारी कर्मचारी

Posted By: Inextlive