मरम्मत के लिए रेलवे ने बंद किया निरंजन डॉट पुल

पानी की टंकी से रामबाग क्रासिंग तक लगी वाहनों की लंबी लाइन

फेल हुआ ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम

ALLAHABAD: वर्षो पुराने निरंजन पुल की मरम्मत के लिए रेलवे जब-जब काम कराता है, पूरा शहर जाम का झाम झेलता है। शनिवार को एक बार फिर शहर में जाम का झाम शुरू हुआ। एक्चुअली रेलवे ने निरंजन पुल के ऊपर से गुजरे दिल्ली-हावड़ा रूट पर लगे स्टील गार्डरों को बदलने का काम शुरू करा दिया है। रूट डायवर्जन के साथ ही ट्रैफिक लोड से निबटने के लिए पूरा प्लान तैयार किया गया था, लेकिन दोपहर बाद सारा ट्रैफिक प्लान ध्वस्त हो गया। रेलवे स्टेशन से लेकर पानी टंकी चौराहा, हाईकोर्ट नवाब युसुफ रोड और रामबाग तक ट्रैफिक रेंगता रहा।

ब्लॉक हुआ पानी टंकी पुल व चौराहा

निरंजन पुल के नीचे ब्लॉक से पुराने शहर के लोगों के लिए सिविल लाइंस की ओर आने के लिए केवल दो ही रास्ता बचा। पानी टंकी पुल और रामबाग क्रासिंग। नतीजा पानी टंकी पुल शनिवार को 10 बजे के बाद जाम हो गया। इसे पार करने में लोगों को 30 से 45 मिनट तक का समय लगा। पानी टंकी चौराहा से निकलकर हाईकोर्ट की तरफ या फिर नवाब युसुफ रोड की तरफ जाना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं था। पानी टंकी पुल से ज्यादा भीषण जाम रामबाग क्रासिंग पर रहा। जो केवल फाटक बंद होने के दौरान ही जाम रहता था, वह सुबह से लेकर शाम तक फाटक खुलने के बाद भी जाम रहा। लोगों को क्रासिंग पार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह हाल तब रहा जब, शनिवार को विश्वकर्मा पूजा के चलते सरकारी ऑफिस और स्कूल बंद थे।

हम तो निरंजन पुल से ही जाएंगे

शुक्रवार की देर रात में ही निरंजन पुल जाने का रास्ता बंद कर दिया गया था। इसके बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं थे। पुल के नीचे से ही जाने पर अड़े थे। ट्रैफिक पुलिस रास्ता ब्लॉक करती लोग बैरिकेडिंग हटाकर अंदर घुस जाते। काम के दौरान कोई हादसा न होने पाए, इसलिए सख्ती के साथ रोड ब्लॉक करते हुए काम शुरू किया गया।

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तीन दिन बाद फुल स्पीड से गुजरेंगी ट्रेनें

निरंजन पुल की मरम्मत और स्टील गार्डर बदलने के लिए बार-बार ब्लॉक लिया जा रहा है। सोमवार तक रेलवे द्वारा लिया गया ब्लॉक लास्ट होगा। ब्लॉक हटने के बाद निरंजन पुल से स्टील के गार्डर हटाने का काम पूरा हो जाएगा और कंक्रीट के गार्डरों को लगा दिया जाएगा। इसके बाद वर्षो पुराने हो चुके पुल के क्षतिग्रस्त होने और किसी बड़े हादसे का खतरा टल जाएगा।

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113 साल पहले बिछाई गई लाइन

दिल्ली-हावड़ा रूट पर निरंजन पुल के ऊपर करीब 113 वर्ष पहले स्टील के गार्डर लगाकर रेलवे लाइन बिछाई गई थी। 1903 में ब्रिज संख्या 38 निरंजन पुल की मरम्मत हुई थी। पटरियों को बदलते हुए स्टील के गार्ड लगाए गए थे। जो अब काफी पुराने होने के साथ ही जगह-जगह से जंग लगने की वजह से खराब हो चुके थे। पुराने और जंग लग चुके पुल से राजधानी समेत हाईस्पीड ट्रेनों और लोडेड मालगाडि़यों को पुल से पास कराते वक्त अधिकतम स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा रखी जाती थी। फरवरी में तीन दिन का ब्लॉक लेकर लखनऊ-वाराणसी रूट के रेलवे लाइन की तरफ लगाए गए स्टील के गार्डरों को चेंज किया गया था। अबकी दिल्ली-हावड़ा रूट की लाइनों का गार्डर बदलने के बाद कासन खत्म हो जाएगा और राजधानी के साथ ही अन्य एक्सप्रेस ट्रेनें फुल स्पीड में गुजरेंगी।

Posted By: Inextlive