-जाम की वजह से बढ़ता जा रहा है एयर पॉल्यूशन का लेवल

-वाहनों की अधिकता से धूल और धुएं में इजाफा हुआ है

-लोग आ रहे बीमारियों की चपेट में

JAMSHEDPUR: जमशेदपुर में जाम की परेशानी तो है ही। इसके कई साइड इफैक्ट्स भी नजर आ रहे हैं। रोज लगने वाली जाम की वजह से लोगों का वक्त तो बर्बाद हो ही रहा है, एयर पॉल्यूशन का लेवल भी बढ़ रहा है। ऐसे में लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टर्स भी इस बात को मान रहे हैं।

साकची, बिष्टुपुर और गोलमुरी में सबसे ज्यादा एयर पॉल्यूशन

सिटी में दिन-ब-दिन व्हीकल्स की संख्या बढ़ती जा रही है। इनकी वजह से जाम तो की परेशानी तो बढ़ ही रही है, एयर पॉल्यूशन का लेवल भी बढ़ता जा रहा है। वाहनों की अधिकता से धूल और धुएं में इजाफा हुआ है। साकची, बिष्टुपुर और गोलमुरी में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले इलाके हैं। यह बात झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) के सर्वेक्षण में सामने आई है। आंकड़े बताते हैं कि बिष्टुपुर, साकची और गोलमुरी में एयर पॉल्यूशन का लेवल तय सीमा से अधिक है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सांस से संबंधित परेशानी हो रही है। इन इलाकों में सल्फर डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन के साथ सेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएम) मान्य सीमा से काफी अधिक हैं। हवा में धूलकण की मात्रा काफी ज्यादा है। वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने के साथ-साथ गले और आंख में जलन की शिकायत हो रही है।

व्हीकल्स की बढ़ती संख्या की वजह से जाम तो लग ही रहा है, हमारी सेहत भी खराब हो रही है। एयर पॉल्यूशन का लेबल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।

गाडि़यों की वजह से शहर का एयर पॉल्यूशन ज्यादा हो गया है। इसे कंट्रोल करने का कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। यह सेहत से खिलवाड़ नहीं तो क्या है।

शहर में पांच लाख छोटी-बड़ी गाडि़यां हैं। इतना ही नहीं चार हजार गाडि़यों की इंट्री रोज जमशेदपुर में हो रही है। इस वजह से एयर पॉल्यूशन ज्यादा हो गया है। हवा में धूलकण की मात्रा बढ़ गई है। एयर पॉल्यूशन की वजह से लोगों की सेहत खराब हो रही है।

शहर में गाडि़यां ज्यादा हैं। इस वजह से इससे निकलने वाला धुआं भी जहर उगल रहा है। पुरानी गाडि़यों के चलने पर रोक लगानी चाहिए। इससे कुछ हद तक एयर पॉल्यूशन कम होगा।

आरएसपीएम का स्तर बढ़ने की वजह से सांस में तकलीफ, लगातार खांसी और दमा के मामले बढ़ रहे हैं।

-डॉ अशोक कुमार, फिजिशियन

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मानगो पुल क्रॉस करने में अाधा घंटा

सुबह क्0 बजे नो इंट्री खुलते ही मानगो पुल पर डिमना चौक की ओर से गाडि़यों का रेला लगा रहता है। मानगो-डिमना रोड में यह नजारा दोपहर क्ख् बजे तक दिखाई देता है। तीन बजे नो इंट्री खुलने के बाद यही नजारा फिर से आम हो जाता है। मानगो चौक से मानगो गोल चक्कर (पुल के पहले और पुल के बाद) तक छोटी-बड़ी गाडि़यों की कतार लगी रहती है। लिहाजा फ्00 मीटर के मानगो पुल को क्रॉस करने में करीब आधे घंटे लगते हैं। ट्रैफिक पुलिस की मानें तो क्0 बजे के बाद हेवी व्हीकल्स के बोझ के कारण ट्रैफिक दबाव बढ़ जाता है।

भ्0 हजार व्हीकल्स क्रॉस करती हैं मानगो पुल

ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक भ्0 हजार से ज्यादा वाहन रोजाना मानगो पुल क्रॉस करते हैं। रांची, हजारीबाग, बिहार और पश्चिम बंगाल जाने वाली गाडि़यां मानगो-डिमना रोड होते हुए शहर से बाहर निकलती हैं।

यहां रहती है ज्यादा ट्रैफिक

मानगो पुल, जुबिली पार्क चौक, साकची गोलचक्कर, बसंत सिनेमा के पास, रंग गेट से प्रदीप मिश्रा चौक, रेलवे ओवरब्रिज, सुनसुनिया चौक, रेलवे क्रासिंग जुगसलाई, बिष्टुपुर रीगल मैदान चौक, गोलमुरी इसके अलावा साकची, बिष्टुपुर और जुगसलाई मार्केट में अलग से।

हर दिन बर्बाद होता है ब्भ् मिनट

शहर में ट्रैफिक जाम के कारण एक व्यक्ति हर दिन ब्भ् मिनट खर्च करता है। शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर लगने वाले जामों में जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक जाम की वजह से हर दिन करीब एक करोड़ रुपए का इंधन खर्च हो जाता है।

भ् लाख से अधिक व्हीकल हैं शहर में

जमशेदपुर में पांच लाख से अधिक व्हीकल्स हैं। इनमें फ्,भ्9,8ख्0 बाइक, भ्ब्,8फ्भ् प्राइवेट फोर व्हीलर, क्9,89ब् ऑटो, ख्0 हजार हेवी व्हीकल्स शामिल हैं। इसके अलावा शहर में रोज चार हजार गाडि़यां बाहर से आती हैं।

Posted By: Inextlive