गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया में हुए विरोध प्रदर्शन के दाैरान दिल्ली पुलिस की तरफ से गोली नहीं चलाई गई थी।


नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर इलाके में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर काबू पाने के लिए कोई गोलियां नहीं चलाई है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा के संबंध में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनका क्रिमिनल बैकग्राउंड है। असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर है। पुलिस ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया का छात्र नहीं है।इन 11 नामों में पांच आईपीएएस अधिकारी


वहीं जामिया में हुई इस घटना के बाद से हालात काफी तनाव भरे हैं। इस बीच दिल्ली पुलिस के 11 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा सोमवार को तबादला सूची जारी की गई। इसमें दक्षिण-पूर्वी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कुमार ज्ञानेश के अलावा दिल्ली के 10 और पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इन 11 नामों में पांच आईपीएएस अधिकारी और छह अधिकारी दानिप्स (दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार द्वीप पुलिस) सेवा के हैं।इस घटना में 200 से अधिक लोग घायल

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ रविवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा से निपटने के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। जामिया नगर इलाके में घटना के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में कई शिक्षण संस्थान खड़ें हैं। कुलपति नजमा अख्तर के अनुसार इस घटना में 200 से अधिक लोग घायल हो गए, जिसमें कई विश्वविद्यालय के छात्र थे।

Posted By: Shweta Mishra