जमीयत उलेमा ए हिंद फैज़ाबाद के मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने धर्म पर एक विवादित बयान दिया है. उन्‍होंने अयोध्‍या में कल दिए अपने एक बयान में भगवान शंकर और पार्वती जी को अपना अभिभावक बताया है. इतना ही नहीं उन्‍होंने यह भी कहा कि शंकर मुस्लिमों के पहले पैगंबर थे और मुसलमान सनातन धर्मी है. सबसे खास बात तो यह है कि मुसलमानों को इसे मानने में कोई गुरेज नहीं है. हालांकि इस बयान के बाद से विरोध शुरू हो गया है.

मुकर्रम ने कहा यह बयान गलत
जमीयत उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल कल बुधवार को अयोध्या आया था. जमीयत उलेमा 27 फरवरी को बलरामपुर में कौमी एकता का कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. इस दौरान अयोध्या में कल जमीयत उलेमा के मुफ्ती इलियास ने कहा भगवान शंकर और पार्वती जी उनके मां पिता हैं. इससे हर मुस्लिम सहमत है. मुफ्ती इलियास के ऐसे विवादित बयान आने के बाद बवाल शुरू हो गया है. इस मामले में फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने कहा यह बयान पूरी तरह से गलत हैं. हम इसके विरोध में हैं. ये उनका सियासी बयान हैं. इसे सही नहीं माना जा सकता है. वहीं बाबरी मस्जिद आंदोलन से जुड़ हाशिम अंसारी ने भी मुफ्ती इलियास के बयान को खारिज किया है. उन्होंने इलियास की जमकर आलोचना की. उन्होंने यहां तक कह डाला कि कि ये मौलवी कुरान तो पढ़ते हैं, लेकिन अमल नहीं करते. कुरान पढ़ने के बाद ऐसी बाते बोला उन्हें शोभा नहीं देता है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें हिंदू राष्ट्र बनाना है तो बना लें. हम लोग उनसे अलग हैं.

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राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल गलत
गौरतलब है कि मुफ्ती इलियास ने कहा था कि हिंदुस्तान में रहने वाला हर शख्स हिंदू है, भले ही वह किसी धर्म का हो. मुफ्ती ने हिंदू को धर्म की बजाए देश से ज्यादा जुड़ा बताया है. इसके अलावा उन्होंने आरएसएस वाली बात पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि मुस्लिम हिंदू राष्ट्र के विरोधी नहीं हैं जिस तरह चीन में रहने वाला चीनी, अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी है, उसी तरह हिंदुस्तान में रहने वाल हर शख्स हिंदू है. हमारा मानना है कि सब धर्म एक है. हम भारतीय है और हमारे अंदर शांति, सदभाव, भाईचारा हमारा संदेश होना चाहिए. ऐसे में हम जो लोग राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं हम उनका विरोध करेंगे और जो देश की एकता के लिए काम करेंगे हम उनका साथ देंगे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh