लोकसभा में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने संबंधी संकल्प स्वीकार कर लिया गया है और राज्य के पुनर्गठन विधेयक भी पास हो गया है। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने इसे पेश किया।

कानपुर।  राज्यसभा में सोमवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर बिल पेश किए। इसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प स्वीकार कर लिया गया है व जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक भी पास हो गया है। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पक्ष में 370 वोट और विरोध में 70 वोट पड़े। इससे पहले सोमवार को राज्यसभा में अनुच्छेद 370 संबंधी प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक भी पास हो गया। तकनीकी खराबी के चलते मतदान मशीन की बजाय पर्ची से कराई गई। वहां इस बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 61 वोट पड़े हैं।
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लोकसभा में जारी चर्चा के दाैरान यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा हम देश के साथ हैं, लेकिन अब मेरा सवाल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की स्थिति को लेकर है। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।

Akhilesh Yadav, Samajwadi Party, in Lok Sabha on #Article370revoked: We are with the country. But now my question is about the status of Pakistan occupied Kashmir. Government should answer this. pic.twitter.com/oqjC9eEv0o

— ANI (@ANI) August 6, 2019


राकांपा सांसद सांसद सुप्रिया सुले ने कहा,'मैं सीट 462 पर बैठती हूं, फारूक अब्दुल्ला सीट 461 पर बैठते हैं। वह जम्मू-कश्मीर से चुने गए हैं, हम उन्हें आज नहीं सुन सकते। अगर आप मुझसे पूछेंगे तो यह बहस अधूरी होगी।गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं,'फारूक अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है। वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं

Supriya Sule, NCP MP says "I sit on seat 462, Farooq Abdullah sits on seat 461. He's elected from J&K, we can't hear him today.This debate will be incomplete if you ask me. HM says,"Farooq Abdullah has neither been detained nor arrested. He's at his home,out of his own free will" pic.twitter.com/Wf5RI1vzVR

— ANI (@ANI) August 6, 2019
जेडीयू ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा के दाैरान लोकसभा से किया वाॅकआउट।

 

JDU walks out of Lok Sabha over J&K Re-organisation Bill pic.twitter.com/hXeDZ7PtNw

— ANI (@ANI) August 6, 2019


अमित शाह के एक जवाब में अधीर रंजन ने कहा कि आप कहते हैं कि यह एक आंतरिक मामला है लेकिन 1984 से यूएन द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है। क्या ये आंतरिक मामला है? हमने शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया क्या वह आंतरिक मामला है या द्विपक्षीय मामला है?

 

#WATCH Adhir Ranjan Chowdhury, Congress, in Lok Sabha: You say that it is an internal matter. But it is being monitored since 1948 by the UN, is that an internal matter? We signed Shimla Agreement & Lahore Declaration, what that an internal matter or bilateral? pic.twitter.com/RNyUFTPzca

— ANI (@ANI) August 6, 2019
अमित शाह ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस चाहती हैं कि #UN कश्मीर मुद्दे की मॉनिटरिंग करे।

क्या कांग्रेस चाहती हैं कि #UN कश्मीर मुद्दे की मॉनिटरिंग करे, जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस अपनी स्थिति भी साफ करे pic.twitter.com/3TGIsQFPRV

— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) August 6, 2019लोकसभा में बोलते हुए डीएमके नेता दयानिधि मारन ने कहा, इस सदन के सदस्य फारूक अब्दुल्ला लापता है, वह अरेस्ट किए गए हैं, लेकिन हमें जानकारी नहीं है।  आपको एक अध्यक्ष के रूप में सदस्यों की सुरक्षा करनी चाहिए। आपको तटस्थ होना चाहिए।

DMK MP, Dayanidhi Maran in Lok Sabha: Mr Farooq Abdullah, a member of this House is missing. He is arrested. We have no intimation. You as a Speaker should protect the members. You should be neutral. pic.twitter.com/rxvBHBwGHH

— ANI (@ANI) August 6, 2019
इतना ही नहीं लोकसभा ने मनीष तिवारी ने पूछा कि क्या आप अनुच्छेद 371 को भी निरस्त कर देंगे। आप यहां भी राष्ट्रपति शासन लगाकर यहां की विधानसभाओं को भंग कर दें और अनुच्छेद 371 को रद कर दें। आप देश में कैसी संवैधानिक मिसाल कायम कर रहे हैं?

 

Manish Tewari: That you can revoke Article 371 tomorrow? By imposing President's rule in the north eastern states, and using the rights of their Assemblies in the Parliament, you can scrap Article 371 too? What kind of Constitutional Precedent are you setting in the country? https://t.co/7olq8LnROO

— ANI (@ANI) August 6, 2019
लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि भारतीय संविधान में सिर्फ अनुच्छेद 370 नहीं है। यहां अनुच्छेद 371 ए भी है। यह आर्टिकल नागालैंड, असम, सिक्किम, मणिपुर और आंध्र प्रदेश को स्पेशल राइट्स देते हैं। आज जब आर्टिकल 370 को हटा रहे हैं, तो इन राज्यों में क्या मैसेज जाएगा?

 

M Tewari, Congress, in Lok Sabha: Indian constitution does not have only #Article370. It also has Article 371 A to I. They provide special rights to Nagaland, Assam, Manipur, Andhra, Sikkim etc. Today when you're scrapping Article 370,what message are you sending to these states? pic.twitter.com/3KESRZqR3y

— ANI (@ANI) August 6, 2019
अमित शाह ने कहा कि जब मैं जम्मू-कश्मीर बोलता हूं तो #POK इसमें ही आता है, कश्मीर के लिए हम जान दे भी सकते हैं।

 

जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर #loksabha में @AmitShah : जब मैं जम्मू-कश्मीर बोलता हूं तो #POK इसमें ही आता है, कश्मीर के लिए हम जान दे भी सकते हैं pic.twitter.com/5vpDiqjR6M

— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) August 6, 2019
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा संसद को जम्मू-कश्मीर पर कानून बनाने का अधिकार है।

 

Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: Parliament has the right to make laws on Jammu & Kashmir. https://t.co/SQmM5ZJqGs

— ANI (@ANI) August 6, 2019
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि हमारे एजेंडे में पीओके शामिल है।

Union Home Minister Amit Shah, in Lok Sabha: Main sadan mein jab jab Jammu and Kashmir rajya bola hoon tab tab Pakistan occupied Kashmir aur Aksai Chin dono iska hissa hain, ye baat hai. pic.twitter.com/Juft5KViMw

— ANI (@ANI) August 6, 2019 Posted By: Shweta Mishra