जमशेदपुर : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में बीएड की मान्यता को खत्म कर दी है. अब नए सत्र 2020-21 से बीएड में नामांकन नहीं हो सकेगा. इसके अलावा चांडिल स्थित आशु किस्कू मेमोरियल एंड रवि किस्कू टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर खतरे की घंटी बज चुकी है. इस बीएड संस्थान को अंतिम नोटिस एनसीटीई ने जारी किया है तथा कहा कि अगर 21 दिन के अंदर एनसीटीई की सारी शर्तो को यह शिक्षण संस्थान पूरा नहीं करता है तो इसकी भी मान्यता को खत्म कर दी जाएगी. यह फैसला पिछले दिनों भुवनेश्वर में एनसीटीई की पूर्वी क्षेत्र काउंसिल की 272वीं बैठक में लिया गया. यह मीटिंग 30,31 मई और एक जून को आयोजित हुई थी. इस बैठक की कार्रवाई गुरुवार को अपलोड कर दी गई. इस बैठक की अध्यक्षता प्रोफेसर क्षिति भूषण दास ने की.

इंफ्रास्ट्रक्चर में कई कमियां

इस बैठक में प्रस्ताव संख्या 101 पर विचार विमर्श के दौरान काउंसिल के सदस्यों ने पाया कि जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज ने फैकल्टी की सूची नियमानुसार काउंसिल को नहीं सौंपी है. साथ ही आधारभूत संरचनाओं में भी कई कमियां है. इस कारण अब इस कॉलेज को नए सत्र से बीएड की अनुमति नहीं दी सकती है. चांडिल स्थित आशु किस्कू मेमोरियल एंड रवि किस्कू टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर प्रस्ताव संख्या 111 में विचार के दौरान पाया गया कि इस संस्थान निर्धारित 16 लाख रुपये अब तक जमा नहीं किया है और न ही फैकल्टी की सूची सौंपी है. आधारभूत संरचना के बारे में कुछ जानकारी नहीं दी है और न कॉलेज के वेबसाइट को ही अपडेट किया गया है. इस कॉलेज को अंतिम रूप से नोटिस दिया गया है. इन सारी शर्तो को पूरा करने के लिए मात्र 21 दिन का समय दिया गया है.

लोयोला को मिली मान्यता

भुवनेश्वर में आयोजित एनसीटीई की बैठक में टेल्को स्थित लोयोला बीएड कॉलेज को मान्यता प्रदान कर दी गई है. प्रस्ताव संख्या 66 पर हुए विचार-विमर्श के दौरान पाया गया कि इस कॉलेज ने एनसीटीई की सारी अर्हताओं को पूरा कर लिया है. इस कारण इसे मान्यता देने में कोई दिक्कत नहीं है.

केयू में चल रहे एमएड को भी नोटिस

बैठक में प्रस्ताव संख्या 59 के दौरान कोल्हान यूनिवर्सिटी चाईबासा में चल रहे एमएड को लेकर भी यूनिवर्सिटी को फाइनल नोटिस भेजा गया है. इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एनसीटीई द्वारा पत्र भेजे जाने के बावजूद एमएड के लिए आवश्यक फैकल्टी तथा आधारभूत संरचना की विवरणी काउंसिल के वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई है. यह कार्य 21 दिनों के अंदर करने का निर्देश दिया गया है. बैठक में सदस्य के रूप में प्रोफेसर नीलिमा भगवती, प्रोफेसर एन राजमोहन सिंह, सुभाष चंद्र रॉय, प्रोफेसर कुमार मेाती, डॉ. राजीव पंडया के अलावा विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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-कुछ तकनीकी खामियों के कारण एनसीटीई को यह निर्णय लेना पड़ा. हम इस फैसले के खिलाफ अपील में जाएंगे. फिर से सारे कागजातों को दुरुस्त कर भेजा जाएगा.

- डॉ. पूर्णिमा कुमार, प्राचार्या, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज.

Posted By: Kishor Kumar