- बिहार के सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे वाम दल

- कन्वेंशन में स्वीकारा, वाम एकता है समय की मांग

PATNA: बिहार के सभी छोटे-बड़े वाम दल आगामी बिहार विधान सभा चुनाव में एक साथ मैदान में उतरेंगे। इसकी औपचारिक घोषणा मंडे को एसकेएम में वाम दलों की ओर से आयोजित जन राजनैतिक कन्वेंशन में की गयी। इस दौरान बिहार के छह वाम दलों सीपीआईएमएल, सीपीआई, सीपीआईएम, एसयूसीआई, फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बिहार के विभिन्न जिलों से आए वाम समर्थक भी बड़ी संख्या में एसकेएम में पहुंचे थे। वाम नेताओं में कन्वेंशन को वरिष्ठ वाम नेता एबी बर्धन, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, एसयूसीआई के केंद्रीय कमेटी के सदस्य छाया मुखर्जी, फॉरवर्ड ब्लॉक के महासचिव देवव्रत विश्वास और आरएसपी के महासचिव अवनि राय ने संबोधित किया।

राजनीति के केंद्र में हों आमजन

कन्वेंशन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ वामपंथी नेता एबी बर्धन ने कहा कि बिहार की जनता पच्चीस साल से ठगी जा रही है। एनडीए हो या फिर यूपीए गठबंधन, किसी ने बिहार का अबतक भला नहीं किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में सभी वामपंथी दलों ने एक साथ चुनाव में उतरने का डिसीजन लिया है। वामपंथ की मजबूती ही एकमात्र विकल्प है, जिसके जरिए सामंती ताकतों को ध्वस्त किया जा सकता है। वहीं, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि मैं बिहार से आह्वान करता हूं कि वो देश को रास्ता दिखाएं। हमें नया हिंदुस्तान बनाना है और वो वामपंथ ही बना सकता है।

यह जुमलों का नहीं, आंदोलनों का साल है

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ख्0क्ब् जुमलों का साल था, पर यह साल आंदोलनों का साल है। उन्होंने कहा कि किसान मजदूरों के आंदोलनों का ही असर था कि मोदी सरकार को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर हार माननी पड़ी। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय पर पंद्रह साल लालू ने और न्याय के साथ विकास के नाम पर दस साल नीतीश ने बिहार की जनता को धोखा दिया है। उन्होंने बिहार के युवाओं और मेहनतकशों से आह्वान किया कि इस बार कहा कि गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने के लिए वाम दलों को मजबूत करना आवश्यक है।

धर्म और जाति की राजनीति

एसयूसीआई की छाया मुखर्जी ने कहा कि देश में धर्म और जाति की राजनीति की जा रही है, हमें इसके खिलाफ वर्ग की राजनीति करनी है। वहीं, फारवर्ड ब्लॉक के महासचिव देवव्रत विश्वास ने कहा कि बिहार में वाम एकता हो ऐसा देश के वामपंथी भी सोचते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार वामपंथ की उर्वर जमीन है और बिहार ही देश को रास्ता दिखाएगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसपी के महासचिव अवनी राय ने कहा आज के कार्यक्रम से केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बदलाव की लड़ाई को तेज करने का संदेश जा रहा है। कन्वेंशन के दौरान देश और राज्य के चालीस बड़े नेता मौजूद थे। मौके पर सीपीआईएमएल के धीरेंद्र झा ने कन्वेंशन के प्रस्ताव का पाठ किया और उनके समर्थन में सीपीएम के सर्पोदय शर्मा और सीपीआई के रामबाबू कुमार ने अपना वक्तव्य रखा।

Posted By: Inextlive