गर्भपात की स्थिति से गुजर चुकी ज़्यादातर महिलाएँ अपने परिवार वालों या फिर करीबी दोस्तों को भी इसके बारे में बताने से बचती हैं.


लेकिन आयरलैंड की एक महिला ने कुछ अलग सा रास्ता चुना. उन्होंने 20 साल पुराने गर्भपात के अपने अनुभवों के बारे में ट्विटर पर लिखना शुरू किया ताकि इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने में मदद मिल सके. जैनट नी श्वेलैबेन कहती हैं, "मैं वास्तव में अपनी कहानी किसी को भी नहीं बताना चाहती थी."दो बच्चों की माँ जैनट एक ब्लॉगर भी हैं और जबलिन में रहती हैं. लेकिन उन्होंने अपना अनुभव सबसे साझा किया और वो भी एक बहुत बड़े मंच पर. बीते कुछ हफ्तों से वे 'आयरलैंड'  (@ireland) नाम से एक ट्विटर प्रोफाइल चला रही हैं. मार्च 2012 में शुरू किए गए इस प्रोफाइल के 20 हज़ार से भी ज्यादा फ़ॉलोअर्स हैं.


इस ट्विटर प्रोफाइल की एक और खास बात है. हर हफ्ते एक गेस्ट के कंधों पर इस प्रोफाइल की जिम्मेदारी रहती है. गर्भपात का विरोध करने वाले कुछ कार्यकर्ताओं ने जैनट को बेहद खराब से संदेश भेजे. इसके बाद जैनट ने तय किया कि वो अपनी कहानी सबको बताएंगी. वह कहती हैं, "तब मुझे लगा कि इससे मुश्किल बढ़ेगी. मैंने तय किया कि मैं सबको अपने बारे में बताउंगी."जनमत संग्रह

सविता हलप्पानवर की मौत के बाद आयरलैंड में गर्भपात निरोधक कानून को लेकर नई बहस छिड़ गई है.जैनट ने जानबूझकर अपनी कहानी खत्म होने तक किसी भी किसी की प्रतिक्रिया को तवज्जो नहीं दी. जब उनकी कहानी खत्म हो गई तो उन्होंने कहा, "मैने गहरी सांस ली और खुद को भरोसा दिलाया." ज्यादातर प्रतिक्रियाएँ सकारात्मक थीं. कई लोगों ने उनके साहस और ईमानदारी की सराहनी की. कुछ लोग तल्ख भी हुए.जिन्हें जैनट की साफगोई नागवार गुजरी उनका कहना है कि 'आयरलैंड' ट्विटर एकाउंट किसी ऐसे शख्स को नहीं दिया जाना चाहिए जिसका एक खास मक्सद हो. जैनट आयरलैंड आयरलैंड के गर्भपात कानून में और अधिक रियायत चाहती हैं और वे गर्भपात के अधिकार के लिए चलाए जा रहे अभियान से जुड़ी हुई भी हैं.डाराग ड्वॉयले इस प्रोफाइल एकाउंट के क्यूरेटर हैं. वे कहते हैं कि समाज के विभिन्न तबकों से लोगों को चुनने के मामले में वे एहतियात बरत रहे हैं और उन्हें ऐसे लोगों की तलाश है जिनके पास कहने के लिए कुछ है.

Posted By: Subhesh Sharma