Janmashtami 2022 : जन्माष्टमी को लेकर मत रहें कंफ्यूज, 18 की रात से लग रही है अष्टमी
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। जन्माष्टमी एक ऐसा त्यौहार जिसे पूरे देश में खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। सावन के खत्म होते ही समाज शिवामय से कृष्णमय हो जाता है, जहां समाज में अभी तक कावंड यात्री और त्रिशूल और भगवान शिव के गाने सुनायी देते थे वहीं अब कृष्ण भगवान के गाने और बाजार में मोरपंख और बांसुरी दिखाई देने लगती हैं। जन्माष्टमी देश का बड़ा त्यौहार है, इसलिए आज हम आपको बताने वालें कि जन्माष्टमी कब है और रोहणी नक्षत्र कब लग रहा है।
भगवान श्रीकृष्ण का समाज में विशेष महत्व है। आज भी देश की हर मां अपने बेटे को प्यार से कान्हा कहकर पुकारती है और इसदिन माताएं अपने बेटों को भगवान श्रीकृष्ण के रूप में सजाती है, और बेटियों को राधा के रूप में सजााय जाता है। वहीं आज भी देश में हर प्रेम में पड़े लड़को को किशन कन्हैया कहा जाता है। भगवान कृष्ण की लीलाओं का दीवाना आज भी पूरा समाज है। इसलिए भक्त उनके जन्मदिन को खूब हर्षोल्लास मनाते हैं। इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों को सजाते हैं और रात 12 बजे उनका पंच तत्वों से अभिषेक करते हैं। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण को दूध से बनी हुई चीजे जैसे दही, मक्खन आदि काफी पसंद है इसलिए भक्त उन्हें पंचामृत का भोग लगाते हैं। कई जगहों पर दही हाण्डी भी रखी जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ उनके भाई बलराम और उनका पालन पोशण करने वाले माता-पिता यशोदा मां और नंद बाबा की भी पूजा की जाती है।