Bareilly : जैसा की उम्मीद थी सब कुछ वैसा ही हुआ. विंडरमेयर थिएटर फेस्ट की इससे बेहतरीन शुरुआत हो ही नहीं सकती थी. मंच से ऑडियंस की ओर मुखातिब एक्टर्स अपने हर डॉयलाग से एक मैजिक इफैक्ट छोड़ रहे थे. वेडनसडे को फेमस डायरेक्टर रंजीत कपूर की प्रस्तुति 'जनपथ किसÓ ने ऑडियंस को पूरे प्ले के दौरान बांधे रखां रखा. बोल्ड होने के बावजूद प्ले की स्क्रिप्ट बहुत बैंलेस्ड रही.


प्रेजेंट सिचुएशन को दिखायासोसाइटी के हर तबके को छूते इस प्ले वहां मौजूद हर शख्स को कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया। मशहूर डायरेक्टर रंजीत कपूर ने इस प्ले के माध्यम से ना केवल मिडिल क्लास फैमिली के दोहरने चरित्र को उठाया बल्कि इस प्ले ने वर्तमान की दशा को बखूबी दर्शाया।आम आदमी की कहानी
प्ले का का मुख्य किरदार सदानंद, जोकि  एक साधारण किसान का बेटा है। एक दिन अपनी मेहनत के बूते पीडŽल्यूडी में इंजीनियर बन जाता है ताकि वह एक सम्मानित जीवन जी सके। वहीं नौकरी मिलने के बाद सदानंद के पिता चाहते हैं कि वह अपने बेटे की शादी अधिक दहेज देने वाले की बेटी से करें। वैसा हुआ भी। पीडŽल्यूडी में सदानंद खूब पैसा कमाता है  और इसके बाद वह पॉलिटीकल सपोर्ट और एप्रोच हासिल कर लेता है लेकिन धीरे धीेर उसकी लाइफ में पैसा हावी हो जाता है। पद पर रहते हुए उसने वह सभी कुछ किया जो उसे गंवारा नहीं था। कहानी में मोड़ तब आता जब एक दिन दिल्ली की जनपथ रोड पर सदानंद मीरा चंदानी नाम की एक लड़की को चूम लेता है। मीडिया के कैमरे इसे कैदकर सनसनी में तब्दील कर देते हैं। इसके बाद उसने यह शिकायत थाने में दर्ज कराई। पुलिस भी इस पूरे वाकये को खूब भुनाती है। न्यूजपेपर्स ने इसे इतना उछाला कि मामला आग की तरह फैल गया। पॉलीटिकल पार्टी ने इसे कई रूपों से दूर करना चाहा लेकिन सदानंद टस से मस नहीं हुआ। लास्ट में सदानंद को कोर्ट शादी के बावजूद ऐसी घिनौने अपराध के लिए दोषी करार कर दो साल कैद की सजा सुनाती है। डायरेक्टर रंजीत कपूर ने इस प्ले के माध्यम से आम आदमी और मिडिल क्लास की कहानी को मंच पर प्रभावी तरीके से बुना। एक्टर्स ने भी अपनी अभिनय के माध्यम से दर्शकों को बांधे रखा।

Posted By: Inextlive