जापान के सैटेलाइट से मिली नई तस्वीरों से दक्षिणी हिन्द महासागर में दस ऐसे टुकड़ों का पता चला है जो लापता मलेशियाई विमान का मलबा हो सकते हैं.


न्यूज़ एजेंसी क्योदो ने जापानी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है. जापान के कैबिनेट सैटेलाइट इंटेलिजेंस सेंटर का कहना है कि जो टुकड़े देखे गए वो लंबाई में आठ मीटर और चौड़ाई में चार मीटर के हैं.इससे एक दिन पहले थाईलैंड ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर पर्थ से दक्षिण पश्चिम में 2700 किलोमीटर दूर 300 टुकड़े तैरते देखे जाने की बात कही गई थी.बुधवार को एक फ्रांसीसी सैटेलाइट ने इस इलाक़े में 200 किलोमीटर परे 122 तैरते हुए टुकड़े देखे जाने का दावा किया था.इस बीच ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने कहा है कि 'नई विश्वस्त जानकारी' मिलने के बाद दक्षिणी हिंद महासागर में लापता विमान के संभावित मलबे को खोजने का क्षेत्र बदल दिया गया है.


ऑस्ट्रेलिया के सामुद्रिक सुरक्षा प्राधिकरण (एम्सा) ने बताया कि रडार से हासिल तथ्यों के विश्लेषण के बाद अब पुराने खोज क्षेत्र से 1100 किमी उत्तर पूर्व में संभावित मलबे की खोज की जा रही है.मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान संख्या 370 का विमान 239 यात्रियों के साथ गत आठ मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग जाते समय लापता हो गया था और इसका मलबा खोजा नहीं जा सका है.इससे पहले गुरुवार को ख़राब मौसम के कारण तलाश में लगे  विमानों की उडानें रोक दी गईं थीं.

तलाश अभियान

विमान के संभावित मलबे को तलाशने के काम में कई देशों के विमान लगे हैं.उन्होंने साथ ही आगाह किया, ''हमने यह कभी नहीं कहा कि ये टुकड़े एमएच370 का हिस्सा हैं लेकिन हम उन्हें तैरते हुए टुकड़ों के रूप में चिन्हित कर रहे हैं.''हालांकि विमान पर सवार 153  चीनी यात्रियों के परिजनों ने मलेशिया की जानकारियों पर विश्वास करने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि अधिकारी उनसे सूचनाएं छिपा रहे हैं.इससे पहले चीन की राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चीन की बीमा कंपनियों ने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देना शुरू कर दिया है.गुरुवार को मलेशिया एयरलाइंस ने न्यू स्ट्रेट टाइम्स में एक पूरे पेज का शोक संदेश विज्ञापन दिया, जिसमें कहा गया, ''हम उन 239 लोगों के लिए शोक संतप्त हैं जो विमान पर सवार थे, हम उनके परिजनों, मित्रों और साथियों के प्रति दुख का इजहार करते हैं. हालांकि शब्दों के ज़रिए दुख और दर्द को कम नहीं किया जा सकता.''

Posted By: Subhesh Sharma