शोएब अख्तर के बाद जिस गेंदबाज ने सबसे तेज गेंद फेंकी, वो जवागल श्रीनाथ हैं
कानपुर। 31 अगस्त 1969 को कर्नाटक के मैसूर में जन्में जवागल श्रीनाथ भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में गिने जाते हैं। श्रीनाथ ने 90 के दशक में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था और अपनी तेज रफ्तार गेंदों से अलग पहचान बनाई। श्रीनाथ से पहले टीम इंडिया में कपिल देव जैसे दिग्गज तेज गेंदबाज थे जो स्पीड से ज्यादा स्विंग पर निर्भर होते थे मगर श्रीनाथ ने भारत के लिए खेलते हुए दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय तेज गेंदबाजों में भी काफी दम-खम है।1991 में पाकिस्तान के खिलाफ किया डेब्यू
दाएं हाथ के गेंदबाज श्रीनाथ ने पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में 1991 में पहला वनडे खेला था। डेब्यू मैच में श्रीनाथ ने एक विकेट लिया था। पहले मैच में अपनी गेंदबाजी से प्रभावित करते वाले श्रीनाथ बाद में टीम इंडिया के परमानेंट तेज गेंदबाज बन गए। जवागल ने भारत के लिए 229 वनडे खेले जिसमें उन्होंने 315 विकेट अपने नाम किए। वहीं टेस्ट की बात करें तो इस गेंदबाज ने 67 मैच खेलकर 236 विकेट चटकाए।
साल 1999 वर्ल्डकप में शोएब अख्तर ने एक नई रेस शुरु कर दी थी, उस वक्त अख्तर दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज थे और टूर्नामेंट में होड़ लगी कि कौन सबसे तेज गेंद फेंकेगा? यह तो सबको पता था कि अख्तर को पछाड़ना नामुमकिन है ऐसे में बाकी गेंदबाजों के बीच इस बात की लड़ाई थी कि अख्तर के आसपास कौन पहले पहुंचेगा। इस रेस में जवागल श्रीनाथ ने बाजी मारी, इस वर्ल्डकप में श्रीनाथ पाक गेंदबाज अख्तर के बाद दूसरे सबसे तेज गेंदबाज बने। अख्तर ने जहां 154.5 किमी/घं की स्पीड से गेंद फेंकी थी वहीं श्रीनाथ ने 149.6 किमी/घं की स्पीड से सबको चौंका दिया था।2003 में लिया संन्यासजवागल श्रीनाथ का क्रिकेट करियर करीब 12 साल तक चला। श्रीनाथ ने साल 2003 में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला। गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाली में भी श्रीनाथ ने कभी-कभार अच्छी पारियां खेलीं। श्रीनाथ के नाम टेस्ट में एक हजार से ज्यादा रन दर्ज हैं इसमें चार अर्धशतक भी शामिल हैं। वहीं वनडे में श्रीनाथ ने एक हाॅफसेंचुरी लगाई।
क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद जवागल श्रीनाथ ने 2006 में बतौर मैच रेफरी दूसरी पारी की शुरुआत की। श्रीलंका बनाम साउथ अफ्रीका के बीच कोलंबो में खेले गए टेस्ट में श्रीनाथ पहली बार मैच रेफरी बने। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध रिकाॅर्ड के मुताबिक, श्रीनाथ ने 47 टेस्ट मैच, 220 वनडे और 75 टी-20 मैचों में रेफरी की भूमिका निभाई है।75 साल का हुआ वो क्रिकेटर, जो वर्ल्डकप फाइनल में खिलाड़ी भी रहा और रेफरी भी