- जवाहरबाग में खाक हो गईं बिना नंबर की बहुत सी गाडि़यां

- रिकवरी के लिए जवाहरबाग में कदम रखने की नहीं थी किसी की हिम्मत

मथुरा: लगातार अपना साम्राज्य बढ़ाते जा रहे नक्सली रामवृक्ष यादव ने संसाधन जुटाने को हर पैंतरा अपनाया। उसके लिए रसद और फंड का इंतजाम तो कई जगह से हो ही रहा था, इसके अलावा उसने जवाहरबाग में गाडि़यों का भी पूरा काफिला तैयार कर लिया था। इसके लिए शातिर दिमाग रामवृक्ष और उसकी टीम फाइनेंस कंपनियों से गाडि़यां फाइनेंस कराती थी। फिर उसे जवाहरबाग में रख लिया जाता था। वहां आकर रिकवरी करना कंपनी के लिए मुमकिन ही नहीं था।

दो साल तक तो जवाहरबाग में इन नक्सलियों के अलावा कोई घुस ही नहीं सका। ऑपरेशन के बाद जब बाग मुक्त हुआ तो रामवृक्ष का साम्राज्य सबके सामने आया। उसने क्या-क्या संसाधन जुटा रखे थे, यह देख सब हैरान रह गए। इस बाग में प्रवेश करते ही उद्यान विभाग के कार्यालय के सामने दर्जनों गाडि़यां जली हुई मिलीं। इनमें अधिकांश वाहनों पर तो नंबर ही नहीं है। कई वाहन बिल्कुल नए बताए जाते हैं। इस मामले की तफ्तीश में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि यह पता चला है कि रामवृक्ष और उसके आदमी वाहन फाइनेंस कराते थे। डाउन पेमेंट जमा कर गाड़ी जवाहरबाग ले आते थे। जिसके नाम से गाड़ी फाइनेंस होती थी, वह भी जवाहरबाग में ही रुके हुए थे। लिहाजा, गाड़ी वापस लेने या किश्त का पैसे लेने के लिए कोई इसमें प्रवेश ही नहीं कर सकता था। वाहन हजम करने को लेकर कहीं कोई मुकदमा इनसे संबंधित हुआ हो, इसकी जानकारी फिलहाल अफसरों को नहीं हो सकी है।

Posted By: Inextlive