- एक ही पल में ताश के पत्तों की तरह बिखर गई टीम

- अब भी अपने साथियों को तलाश कर रही आंखें

आगरा। जवाहर बाग में जाने कितने परिवार एक संयुक्त परिवार के रूप में रहते थे। उपद्रव के बाद सभी ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। इतनी बड़ी घटना के बाद भी उनके दिल की आग अभी शांत नहीं हुई है। उनकी स्थिति एक अंधेरे कुएं में कैद होने जैसी है। वह कुछ सुनना नहीं चाहते। सूत्रों के अनुसार जेल के अंदर भी उनकी रणनीति तैयार हो सकती है।

घटना के बाद भी साथ आए थे

जवाहरबाग में सभी ने साथ में लाठी खाई, गोली भी खाई। पुलिस उन्हें एक झुंड के रूप में भरकर अस्पताल लाई। जिस समय गंभीर घायलावस्था में उन्हें पुलिस की गाडि़यों में भरकर एसएन लाया गया तब सभी की निगाह एक दूसरे पर थीं। किसकों कहां किस बैड पर रखा जा रहा है। इसको भी वह देख रहे थे। हर आदमी को पता था कि कौन किस बैड पर लेटा है।

लेते हैं एक दूसरे के हालचाल

शुरु में वह सब एक साथ एक आए। बैड पर भी साथ में रहे। इसके बाद जो कुछ हल्की चोटों वाले थे उन्हें जेल भेज दिया गया। अब चुनिंदा घायल एसएन में रह गए हैं जिन्हें दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है। ताज्जुब की बात यह है कि शिफ्ट होने के बाद भी उन्हें पता है कि कौन किस बैड पर है।

हर आदमी से लेते हैं हालचाल

घायलों की नजर हमेशा समाचार पत्रों पर रहती है। इस मामले को लेकर वह लगातार अपडेट हो रहे हैं। समाचार पत्रों की कहानी को झुठला रहे हैं। उनके पास से गुजरने वाले हर व्यक्ति से वह अपने अन्य साथियों के बारे में पूछ लेते हैं। उनकी इच्छा है कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। जिससे वह अपने साथियों से दोबारा से मिल सकें।

तो क्या जेल में बनेगी आगे की रणनीति

मथुरा में इनको जेल में रखा गया है। भले ही प्रशासन इस बात संस्तुति कर दे कि सबकुछ ठीक हो गया है। लेकिन रामवृक्ष के समर्थकों के मन की आग अभी शांत नहीं हुई है। वह अभी अपने उसी सपने को संजोये हुए हैं। अब वह जल्द ठीक होकर जेल जाने की तैयारी में हैं। चूंकि वहीं पर उनके और साथियों से मुलाकात हो पाएगी। अंदर से बात निकल कर आ रही है कि वह जेल में अपनी आगे की रणनीति तैयार कर सकते हैं।

कहां से आएगा उत्तराधिकारी

रामवृक्ष यादव के मरने के बाद उसकी सीट संभालने वाला कोई नहीं है। पता चला है कि उस दौरान उसके काम को एक कमांडर व एक अन्य युवक देखता था। उनका पता नहीं चला है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब इसकी कमांड इन दोनों में से किसी एक पर जा सकती है। इन्हीं में से कोई नया रामवृक्ष बन सकता है।

Posted By: Inextlive