जवाहर पंडित हत्याकांड के मुकदमे को शासन ने लिया वापस लेने का फैसला, कोर्ट में अर्जी दाखिल

1996 में दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिये गये थे तत्कालीन सपा विधायक

चार साल से जेल में हैं सूरजभान, कपिलमुनी और उदयभान करवरिया

PRAYAGRAJ: महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश की संस्तुति पर स्व। जवाहर पंडित हत्याकांड के मुकदमे को वापस लेने की अर्जी अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर प्रयागराज की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाबचंद्र अग्रहरि व विशेष नियुक्त अधिवक्ता आरपी सिंह ने अपर जिला जज रमेशचंद्र की कोर्ट में प्रस्तुत की है। अर्जी पर उभयपक्ष को पांच नवंबर को तर्क पेश करना है।

बचाव पक्ष ने पेश किये 65 गवाह

विदित हो कि इलाहाबाद के थाना सिविल लाइंस क्षेत्र में सपा विधायक जवाहर पंडित को 13 अगस्त 96 को दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस प्रकरण में पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, इनके भाई उदयभान व सूरज भान तथा रामचंद्र मिश्र के विरुद्ध पुलिस ने आरोप पत्र पेश किया। इस मामले में काफी दिनों तक हाईकोर्ट से कार्यवाही स्थगित व गिरफ्तारी से रोक का आदेश था। बाद में आरोपितों को जिला न्यायालय में हाजिर होना पड़ा। जमानत जिला न्यायालय व उच्च न्यायालय से नहीं मिल सकी। जिसके तहत वे विगत लगभग चार वर्षो से जेल में हैं। अभियोजन की गवाही पूर्व होने के बाद 65 गवाह बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए। इधर शासन के अनुसचिव अरुण कुमार राय का पत्र जिला मजिस्ट्रेट प्रयागराज को मुकदमा वापसी के बाबत प्राप्त होने पर उनके निर्देश पर मुकदमा वापसी अर्जी कोर्ट में दी गई।

पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री का मामला खुला

पूर्व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राकेश धर त्रिपाठी का मुकदमा जिसमें आय से अधिक सम्पत्ति रखने का आरोप है। विशेष कोर्ट एमपी, एमएलए में पहली पेशी पर खुला। जिसमें सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश पवन कुमार त्रिपाठी ने मामले के विवेचक को निर्देशित किया है कि वे विवेचना की प्रगति रिपोर्ट एक दिसंबर 2018 को कोर्ट में पेश करें। विदित हो कि अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के समक्ष विवेचक ने अर्जी दिया था कि अभी अग्रिम विवेचना शेष है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश पांच सितंबर 2013 के तहत अग्रिम विवेचना की संस्तुति दी थी। लेकिन उक्त विवेचक ने अग्रिम प्रगति की कार्यवाही कोर्ट में पेश नहीं किया।

विधायी मंत्री की हाजिरी माफ, अन्य के खिलाफ एनबीडब्ल्यू

विधायी मंत्री नीलकंड तिवारी की सशर्त हाजिरी माफ करते हुए विशेष न्यायाधीश एमपी, एमएलए कोर्ट पवन कुमार तिवारी ने अन्य आरोपितों शैलेंद्र, नीरज, विनय कुमार, रंजन सिंह, संदीप, शरदचंद्र के अनुपस्थित रहने पर गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश दिया है। थाना कोतवाली वाराणसी में अंकुर पटेल ने रपट दर्ज कराया था कि पांच दिसंबर 2006 को पीजी कॉलेज छात्र संघ का नामांकन जुलूस मैदागिन चौराहा से जा रहा था। वहां छात्र सभा के प्रत्याशियों का बैनर फाड़ दिया गया। दीप कार के शीशे तोड़े गए, मारा पीटा गया था।

Posted By: Inextlive