JAMSHEDPUR: चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन मां हरगौरी व सिद्धिदात्री की पूजा के साथ छत्तीसगढ़ी समाज की जवांरा पूजा का भी समापन हो गया। अंतिम दिन रविवार को शहर के विभिन्न इलाकों में जवांरा का गाजे-बाजे के साथ विसर्जन किया। सिर पर जवांरा (जौ के पौधे) से सजे कलश लेकर महिलाएं नदी घाटों तक गई, जबकि युवा-बुजुर्ग देवी मां की जयकार लगाते हुए चल रहे थे। सुबह से ही सोनारी, भालूबासा, टुइलाडुंगरी, उलीडीह, बागबेड़ा, बागुनहातू, टेल्को क्षेत्र में भी जवांरा पूजा की धूम रही।

गाढ़ाबासा के श्री श्री शीतला मंदिर में चैत्र नवरात्र पर 27 ज्योति कलश की स्थापना व अखंड दीप प्रज्जवलित की गई थी, जिसका विसर्जन किया गया। इस शोभायात्रा में आसपास की कई बस्तियों के हजारों लोग शामिल हुए। च्योति कलश व जवांरा को युवतियां व महिलाएं सिर पर उठाकर कतारबद्ध होकर भजन-कीर्तन करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थीं। श्रद्धालु महिलाएं व पुरुष च्योति कलश व जवांरा का साष्टांग दंडवत प्रणाम कर अभिवादन कर रहे थे। श्रद्धा, विश्वास व भक्ति का अनूठा दृश्य था। लोग भक्तिभाव से भजन-कीर्तन करते हुए सार्वजनिक कुंआ की ओर विसर्जन के लिए बढ़ रहे थे। जगह-जगह भक्त रास्ते को जल से धोकर पवित्र कर रहे थे, तो कोई जुलुस के रास्ते में फूल बिखेर रहे थे। विसर्जन जुलूस में शामिल सैकडों महिलाओं व पुरूषों में मुख्य संरक्षक खेमलाल चौधरी, अध्यक्ष केदारनाथ सिंह, महामंत्री खेमलाल साहू, रामप्रकाश साहू, भागवत राम डडसेना, भरत पटेल ,रविशंकर दूबे,संजय प्रसाद,धीरज पासवान, राकेश राव, ललित दूबे, पप्पू सिंह, प्रेमूराम यादव, हरिचरण साहू, सोनामुनी सांडिल, वेदबती देवी, माया देवी, चंद्ररेखा देवी, अरुणा देवी, जमुना देवी, सत्यनारायण ठाकुर, धनेश्वर प्रसाद, गंगाराम, पंचम राम आदि थे।

बागबेड़ा में दिखा जलसा

बागबेड़ा में श्रीश्री शीतला माता सेवा समिति के सौजन्य से जवांरा पूजा का अनुष्ठान हुआ, जिसमें चैत्र कृष्ण पक्ष की अमावस्या से नवमी तक देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा हुई। रविवार को जवांरा पूजा का विसर्जन धूमधाम से हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ी समाज के लोग सीपी टोला से बागबेड़ा बड़ौदा घाट तक गाजे-बाजे के साथ पहुंचे। यहां आयोजन को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष यादव कुमार सिन्हा के अलावा शांति बाई, पोसू साहू, नारद मंडल, संतराम साहू, रिपुसूदन वर्मा समेत सैकड़ों सदस्य सक्रिय रहे।

Posted By: Inextlive