- पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के अवैध भवन पर की गई कार्रवाई

- भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में शनिवार देर शाम तक चली कार्रवाई

LUCKNOW :

समय सुबह का करीब 11.30 बजे, स्थान सालेहनगर में स्थित पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का निर्माणाधीन भवन। इस भवन को देखते ही देखते एलडीए से आई चार जेसीबी, दो पोकलैंड और एक हाईड्रेंट ने घेर लिया। जब तक लोग कुछ समझ पाते जेसीबी समेत अन्य मशीनरी ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। यह तस्वीर देख मौके पर तमाशबीनों की भारी भीड़ लग गई। मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स ने उन्हें खदेड़ा। यह प्रक्रिया दिन भर में कई बार चली। एलडीए अफसरों की मौजूदगी में देर शाम तक अवैध निर्माणाधीन भवन को गिराने का काम जारी रहा।

आवासीय पर था कॉम्प्लेक्स

पूर्व मंत्री की ओर से सपा सरकार में ही सालेहनगर में 70 गुणा 55 वर्ग फिट (बेसमेंट+जी+2) के दायरे में एक भवन खड़ा कर लिया गया था। यह भवन गायत्री के बेटे अनुराग के नाम पर है। एलडीए अफसरों की मानें तो एकल आवासीय नक्शा पास कराया गया था, लेकिन बाद में इस भवन को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में कंवर्ट किया जा रहा था। जिसकी वजह से एलडीए की ओर से नोटिस जारी की गई थी।

14 जून को होनी थी कार्रवाई

एलडीए की ओर से पहले अवैध कब्जा ढहाने संबंधी कार्रवाई 14 जून को की जानी थी, लेकिन नोटिस प्राप्त होते ही अनुराग प्रजापति हाईकोर्ट पहुंच गए थे और एलडीए के खिलाफ रिट दायर की थी। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने रिट को खारिज कर दिया था और आदेश जारी किए थे कि चार दिन के अंदर अवैध कब्जा ढहा दिया जाए। आदेश प्राप्त होते ही एलडीए के अधिकारी हरकत में आए और शनिवार को अवैध कब्जा ढहाने पहुंच गए।

चारों तरफ से तोड़ी गई बिल्डिंग

अभियान की शुरुआत होते ही जेसीबी और पोकलैंड मशीनों ने हर तरफ से अवैध भवन को तोड़ना शुरू कर दिया। पहले तो मशीनों ने छज्जे को गिराने की कोशिश की, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तब मशीनों ने भवन के फ्रंट साइड के पिलर तोड़ने शुरू किए। करीब दो घंटे बाद जब कई पिलर टूट गए, तब फिर से छज्जे को गिराने की कवायद शुरू की गई। दोपहर दो बजे तक अवैध भवन का करीब 40 फीसदी हिस्सा तोड़ दिया गया।

बिजली के तार बने मुसीबत

निर्माणाधीन भवन के सामने ही पोल लगा हुआ है और उससे बिजली के तार गुजर रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि अवैध भवन को बिजली कनेक्शन भी दिया गया था। कार्रवाई के दौरान कई बार बिजली के तारों की वजह से जेसीबी को रुकना पड़ा। बाद में बिजली कर्मचारियों को बुलाकर तारों को हटवाया गया, तब कहीं जाकर जेसीबी ने तेजी से भवन को तोड़ने का काम शुरू किया।

दुकानें रहीं बंद

कार्रवाई शुरू होते ही अवैध भवन के आसपास स्थित दुकानें भी बंद हो गईं। जिन लोगों की दुकानें थीं, वे लोग दिन भर कार्रवाई देखने के लिए वहीं भर डटे रहे।

शरारती तत्वों से निपटने की तैयारी

कार्रवाई के दौरान किसी भी हंगामे से निपटने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स खासे इंतजाम करके आई थी। जानकारी के अनुसार, फोर्स के पास लाठियों के साथ-साथ टीयर गैस भी मौजूद थी।

ये अधिकारी रहे मौजूद

एलडीए संयुक्त सचिव धनंजय शुक्ला, नजूल अधिकारी सीएल मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट तृतीय डॉ.अनिल मिश्रा, दो एक्सईएन एके सिंह व आरडी वर्मा मौजूद थे। इसके अलावा आशियाना थाने की फोर्स और एक पीएसी प्लाटून मौजूद थी।

अब देनी होगी रिपोर्ट

हाईकोर्ट की ओर से ध्वस्तीकरण आदेश दिए जाने के साथ-साथ अवैध निर्माण के लिए दोषी लोगों को भी चिन्हित करने के लिए कहा गया है। एलडीए की ओर से इस बाबत रिपोर्ट हाईकोर्ट में 19 जून को दी जाएगी।

इनका भी टूटा रसूख

- अप्रैल 2016 में तब के सपा विधायक रामपाल का जियामऊ स्थित अवैध भवन गिराया गया था, उस दौरान सपा सरकार थी। कहा गया था कि ये बुलडोजर खुद सीएम की नाराजगी के बाद चलाया गया था।

- सपा सरकार में मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ला ने बंगला बाजार स्थित एलडीए की जमीन पर कब्जा कर रखा था। इस जमीन की कीमत करीब 20 करोड़ के आसपास थी। इस जमीन पर 15 दुकानों के साथ-साथ मंदिर भी बना हुआ था। एलडीए की ओर से नोटिस जारी किया गया था और 13 दिसंबर 2016 को उनकी 15 दुकानों का ध्वस्त किया जाना था। हालांकि बाद में पूर्व मंत्री की ओर से खुद ही अवैध निर्माण गिरवाने संबंधी कदम उठाया था।

शांतिपूर्ण ढंग से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी कर दी गई है। अब दूसरे अवैध निर्माणों की तरफ फोकस किया जा रहा है। उन्हें भी गिराया जाएगा।

- धनंजय शुक्ला, विहित प्राधिकारी एवं संयुक्त सचिव, एलडीए

Posted By: Inextlive