--CGPC के प्रधान पद को लेकर गुरुद्वारों में चल रहा हंगामा

-हर कोई चाहता है उसका करीबी ही बने सिटी के गुरुद्वारों में प्रधान

-177 लोगों के पास है प्रधान चुनने के लिए वोटिंग करने का अधिकार

-गुरुद्वारों के प्रधान ही करते हैं 177 मेंबर्स का चुनाव

JAMSHEDPUR : सिटी के गुरुद्वारों में चुनाव को लेकर हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं। लोगों का कहना है कि सब कुछ सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के चुनाव को लेकर ही हो रहा है। इसका कारण यह है कि सीजीपीसी के प्रधान का सेलेक्शन इन्हीं गरुद्वारों के प्रधान द्वारा नोमिनेटेड मेंबर्स ही करते हैं। इसलिए सभी यही चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा गुरुद्वारों में उनका करीबी ही प्रधान बने। संडे को टिनप्लेट गुरुद्वारा में हुई हिंसक घटना इसका छोटा सा एग्जांपल है।

समर्थन व विरोध का खेल

टिनप्लेट गुरुद्वारा में सुरजीत सिंह और तरसेम सिंह सेमू एक गुट के हैं, तो गुरचरण सिंह बिल्ला का अलग गुट है। इस बार के चुनाव में परविन्दर सिंह और मंजीत सिंह प्रधान पद के दावेदार हैं। परविन्दर सिंह को बिल्ला गुट का समर्थन है और उन्हें सीजीपीसी प्रधान इंद्रजीत सिंह का भी सपोर्ट है। इलेक्शन के लिए हरनेक सिंह को कन्वेनर बनाया गया है, जो इंद्रजीत सिंह का समर्थक है। टिनप्लेट गुरुद्वारा चुनाव के लिए बनायी गई वोटर लिस्ट से सुरजीत सिंह के लगभग 250 समर्थकों का नाम हटा दिया गया। इसे लेकर एसडीओ के पास कम्प्लेन भी की गयी। वहां से क्लियरेंस मिलने के बाद ही इलेक्शन का डेट डिक्लेयर होगा। अब इससे पहले जोड़-तोड़ को लेकर सारा हंगामा हो रहा है। यहां एक बात बता दें कि एक गुट को, तो सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह का सपोर्ट है और विरोधी गुट का संबंध सीधे-सीधे सीजीपीसी के पूर्व प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह के साथ जोड़ दिया जाता है।

सीजीपीसी प्रधान के चुनाव में गुरुद्वारा प्रधान का होता है अहम रोल

सीजीपीसी के प्रधान हों या प्रधान के पद पर नजरें गड़ाने वाला कोई दूसरा हो, सब चाहते हैं कि गुरुद्वारा में उनका समर्थक ही प्रधान बने। इसका कारण यह है कि सीजीपीसी प्रधान का चुनाव इन्हीं गुरुद्वारा के मेंबर्स करते हैं और वोटिंग के लिए इन मेंबर्स का सेलेक्शन गुरुद्वारा के प्रधान द्वारा किया जाता है। अब अगर प्रधान अपना आदमी हो तो जीत के चांसेस बढ़ जाते हैं। इस कारण सभी गुरुद्वारों में अपने समर्थक को प्रधान के पद पर बैठाने की होड़ में मारपीट व तलवारबाजी जैसी घटनाएं हो रही हैं।

होना है प्रधान का चुनाव

सीजीपीसी का चुनाव अगस्त में होना है। इससे पहले यानी जुलाई तक सभी गुरुद्वारा के प्रधान का चुनाव कर लिया जाना है, क्योंकि इन प्रधान द्वारा ही सीजीपीसी प्रधान के चुनाव के लिए मेंबर्स को ऑथराइज्ड किया जाता है। इसके लिए एक गुरुद्वारा से मिनिमम तीन और मैक्सिमम 10 मेंबर्स को वोट देने का अधिकार दिया जाता है। इन्फॉर्मेशन के मुताबिक टिनप्लेट गुरुद्वारा, टुइलाडुंगरी गुरुद्वारा, साकची गुरुद्वारा, जुगसलाई गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा, नामदा बस्ती और सोनारी गुरुद्वारा का चुनाव अभी होना है।

सोनारी गुरुद्वारा चुनाव को लेकर भी है विवाद

सोनारी गुरुद्वारा के चुनाव में वर्तमान प्रधान गुरदयाल सिंह ने अपने ही समर्थक राजेन्द्र सिंह और मंजीत सिंह को प्रधान पद पर नोमिनेशन करवा लिया। तारा सिंह व जीएस गोलन गुट ने इसका विरोध किया और एसडीओ के पास कम्प्लेन की। एसडीओ ने मामले की जांच का जिम्मा जिला सहकारिता पदाधिकारी को दिया और जांच के बाद इलेक्शन प्रोसिड्योर पर रोक लगा दी गई। इसके बावजूद गुरदयाल सिंह ने मंजीत सिंह से नोमिनेशन वापस करवा लिया और राजेन्द्र सिंह को प्रधान डिक्लेयर कर दिया।

इंद्रजीत िसंह और मुखे हैं दावेदार

अगस्त में होने वाले सीजीपीसी के चुनाव में वर्तमान प्रधान इंद्रजीत सिंह एक बार फिर से अपनी दावेदारी जता रहे हैं, जबकि मानगो गुरुद्वारा के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे भी सीजीपीसी का प्रधान बनने की तैयारी में हैं।

'इंद्रजीत व हरनेक की साजिश के कारण हो रही घटनाएं'

सोनारी गुरुद्वारा में विपक्षी गुट के सरदार तारा सिंह गिल की अध्यक्षता में बुद्धिजीवी सिख संगत, सिख स्त्री सत्संग सभा और सिख नौजवान सभी की मीटिंग हुई। इसमें टिनप्लेट गुरुद्वारा में हुई घटना की निंदा की गई। मौके पर कहा गया कि इस तरह की घटनाओं में सीजीपीसी प्रधान इंद्रजीत सिंह व कन्वेनर हरनेक सिंह की साजिश है। तारा सिंह ने कहा कि सोनारी गुरुद्वारा में पिछले चार साल से मान्यता प्राप्त सिख स्त्री सत्संग सभा और नौजवान सभा को गुरु घर की सेवा करने से वंचित रखा गया है।

कहां-कहां चल रहा है विवाद

-जुगसलाई गुरुद्वारा का चुनाव विवाद के कारण लटका पड़ा है।

-टिनप्लेट गुरुद्वारा के चुनाव में वोटर लिस्ट को लेकर विवाद है और अब एसडीओ के आदेश के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

-सोनारी गुरुद्वारा में अलग खेल चल रहा है। यहां एक घर में कितने चूल्हा हैं, उस आधार पर वोटर्स का सेलेक्शन किया जा रहा है। घर में एक चूल्हा जलता है, तो एक वोटर और दो जलता है तो दो वोटर माना जा रहा है। इसे लेकर वहां डिस्प्यूट है।

For your information

पद -सीजीपीसी प्रधान

सिटी में टोटल गुरुद्वारा - फ्ब्

इलेक्टिंग मेंबर्स -क्77 मेंबर्स

गुरुद्वारा से- क्7क् मेंबर्स

सेंट्रल नौजवान सभा -ख् मेंबर

सेट्रल स्त्री सत्संग सभा -ख् मेंबर

धार्मिक अकाली दल -ख् मेंबर

वर्तमान में सीजीपीसी प्रधान अपने करीबी को प्रधान बनाना चाहते हैं, ताकि चुनाव में समर्थक प्रधान उनका साथ दे। गुरुद्वारों में हो रही इस तरह की स्थिति पर बुद्धिजीवियों को मिल बैठक इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए।

-सरदार शैलेन्द्र सिंह, पूर्व सीजीपीसी प्रधान व चेयरमैन पटना साहिब गुरुद्वारा

गुरुद्वारा में प्रधान पद को लेकर साजिश करने की बात गलत है। इलेक्शन कन्वेनर हरनेक सिंह व रंजीत सिंह हैं और उनकी देखरेख में चुनाव हो रहा है। इसमें कहीं मेरा हस्तक्षेप नहीं है। सभी काम संविधान के तहत हो रहा है।

-इंद्रजीत सिंह, प्रधान, सीजीपीसी

Posted By: Inextlive