-सिटी के स्टूडेंट्स का जेईई मेन में शानदार प्रदर्शन

-रिजल्ट जारी होने के बाद शुरू हुआ जश्न का माहौल

ALLAHABAD: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन सीबीएसई द्वारा आयोजित जेईई मेन ख्0क्भ् में संगम नगरी के स्टूडेंट्स ने शानदार प्रदर्शन करके पिछले सालों की तरह ही इस बार भी सफलता की नई इबारत पेश की है। मंडे इवनिंग जेईई मेन का रिजल्ट जारी होने के बाद कटऑफ जानकर स्टूडेंट्स के चेहरे खिल उठे। कुछ के हाथ मायूसी भी लगी है लेकिन उन्होंने सफल साथियों को विश करने में कोई लेट नहीं किया।

भ्00 से अधिक स्टूडेंट्स हुए क्वालीफाई

जेईई मेन में सिटी के कितने बच्चों ने क्वालीफाई किया है, इसका एग्जैक्ट डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया क्योंकि रिजल्ट घोषित होने के समय ज्यादातर स्कूल बंद हो चुके थे। कोचिंग संचालकों का दावा है कि सभी कैटेगिरी को मिलाकर करीब पांच सौ से अधिक स्टूडेंट्स को सफलता मिली है। पूरा रिजल्ट पता चलने के बाद ही तस्वीर पूरी तरफ से साफ होगी।

किसान के बेटे ने मारी बाजी

आईसीएसई के बोर्ड एग्जाम में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शुभम् पाण्डेय ने इस बार जेईई मेन में भी शानदार प्रदर्शन किया। शुभम् ने लास्ट इयर बोर्ड परीक्षा में 97.ख्भ् प्रतिशत मॉक्स हासिल किए थे। अपनी सफलता की खुशी जाहिर करते हुए शुभम् ने बताया कि उसके पिता वशिष्ठ नारायण पाण्डेय पेशे से किसान हैं। दो भाइयों में बड़े होने के कारण शुभम् के पैरेंट्स को उससे बहुत उम्मीदें हैं। लास्ट इयर भी उसने जेईई मेन दिया था, लेकिन उसके मॉ‌र्क्स काफी कम थे। उसने जेईई एग्जाम में क्म्8 मॉ‌र्क्स हासिल किए थे। जिससे आईआईटी में दाखिले का उसका सपना पूरा नहीं हो पाया था। इसलिए उसने फिर से तैयारी की और इस बार उसने ख्7भ् मॉ‌र्क्स हासिल किए। जिससे उसका सपना पूरा हो गया। शुभम् ने बताया कि मकैनिकल ब्रांच में आईआईटी से इंजीनियरिंग करना चाहता है। इस बार उसे आईआईटी के कॉलेज में जरूर दाखिला मिलेगा। जेईई मेन की तैयारी के बारे में शुभम् ने बताया कि वो प्रतिदिन आठ घंटे पढ़ाई करते थे। इसमें पैरेंट्स के सपोर्ट के साथ टीचर्स के गाइडेंस ने इंपार्टेट रोल प्ले किया है।

आईआईटी में दाखिला है टारगेट

केन्द्रीय विद्यालय आईटीआई नैनी के छात्र रहे उत्कर्ष वर्मा ने भी इस बार जेईई मेन की परीक्षा में सफलता हासिल की। उत्कर्ष के पिता अरुण कुमार रियल स्टेट में ब्रोकर का कार्य करते हैं। उत्कर्ष ने बताया कि उसका हमेशा से सपना रहा था कि वे आईआईटी से इंजीनियरिंग करे। लास्ट इयर बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ ही उसने पहली बार जेईई मेन की परीक्षा दी थी, लेकिन उस बार उसे मन माफिक कालेज नहीं मिला था। इसलिए उसने फिर से तैयारी की और इस बार उसे सफलता हासिल हुई। अपनी तैयारी के बारे में उत्कर्ष ने बताया कि वह नियमित रूप से छह से सात घंटे तक कोचिंग के अलावा घर पर तैयारी करते थे। अपनी सफलता का श्रेय उत्कर्ष अपने पैरेंट्स व टीचर्स को देते हैं।

Posted By: Inextlive