RANCHI: मैथ्स के पेपर ने रुलाया, फिजिक्स ने छकाया। हालांकि केमिस्ट्री के क्वेश्चन आसान था। ओवर ऑल कट ऑफ पिछले साल की तरह ही इस बार भी कम रहने की उम्मीद है। यह कहना है अभिषेक कुमार का, जो रांची के एक सेंटर से रविवार को जेईई मेंस का एग्जाम देकर निकल रहे थे। कुछ ऐसा ही कहना है आशीष, विकास, इतिशा, शनोबर समेत अन्य परीक्षार्थियों का भी। गौरतलब हो कि रविवार को देशभर में जेइइ मेंस का एग्जाम हुआ। रांची में भी ख्0 सेंटर बनाए गए थे, जहां करीब क्फ्,भ्00 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इधर, एक्सपटर्स की मानें तो इस बार जेइइ मेंस के सवाल पिछले साल के मुकाबले थोड़ा ज्यादा टाईम टेकिंग वाले थे। वैसे एनसीइआरटी से पढ़े स्टूडेंट्स को सवाल हल करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई होगी। लेकिन मैथ्स के क्वेश्चन लेंदी होने के कारण कटऑफ पिछले साल की तरह ही कम रहने की उम्मीद है।

एनसीइआरटी बेस्ड क्वेश्चन

मेंस के कुछ क्वेश्चन सीधे एनसीइआरटरी से मिल रहें थे। जबकि कुछ क्वेश्चन को सिर्फ फॉर्मूला में सेट करके ही अंसार पाया जा सकता था। लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल के क्वेश्चन को हल करने के लिए ज्यादा प्रैक्टिस करने की जरूरत थी।

सही थे सारे सवाल

पिछले कुछ साल से चल रहा सीबीएसई की गलत सवाल पूछने का परंपरा इस बार नहीं चला। इस बार मेंस में पूछे गए सारे सवालों को एक्सपर्टस ने सही बताया है।

सेंटर पहुंचने में परेशानी

एग्जाम दो सिटिंग में होनी थी। दूसरी सिटिंग दोपहर ख् बजे से थी लेकिन पहले सिटिंग में एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को सुबह 9:फ्0 बजे तक सेंटर पहुंच जाना था। लेकिन रविवार को राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर रूट में बदलाव किया गया था जिसके कारण स्टूडेंट्स को समय पर गाड़ी मिलने में मुश्किल हुई।

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मैथ्स का पेपर हल करने में ही आधा समय निकल गया। लेकिन फिजिक्स और केमेस्ट्री के पेपर को देखकर खुश था, क्योंकि सारे फॉर्मूला बेस्ड थे।

आशिष रंजन

एग्जाम काफी हद तक ठीक ही रहा, लेकिन मुझे सेंटर पहुंचने में काफी परेशानी हुई। घर से दो घंटा पहले निकलना पड़ा, हालांकि क्वेश्चन देखकर राहत मिली।

विकास कुमार

मैथ के एक ही सवाल में दो तीन चैप्टर से जुड़ा सवाल था। लेकिन मैंने काफी हद तक पहले ही प्रैक्टिस किया हुआ था तो उसे हल करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।

इतिशा सिंह

फिजिक्स मुझे थोड़ा डिफिकल्ट लगा। लेकिन कैमेस्ट्री और मैथ्स से उम्मीद है कि मैं कटऑफ को पार कर लूंगी। क्वेश्चन एनसीइआरटी बेस्ड ही थे।

शनोबर शमीन

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मैथ में रेगुलर प्रैक्टिस करने वाले स्टूडेंट को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई होगी। क्वेश्चन लेंदी नहीं ट्रिकी था। फॉर्मूला का सही यूज करके क्वेश्चन तुरंत सॉल्व हो सकता था।

सौरभ पाठक, टीचर, मैथ्स, फिटजी

क्वेश्चन पहले की तरह ही काफी आसान थे। रिएक्सन देते ही सहीं जवाब दिया जा सकता है। केमेस्ट्री में बेहतर मार्कस उठने की उम्मीद है।

ऐके दत्ता, टीचर, केमेस्ट्री, फिटजी

फिजिक्स के क्वेश्चन तो पिछले साल से भी ज्यादा आसान थे। एनएसीइआरटी बुक को फॉलो करने वाले स्टूडेंट्स हर सवाल से परिचित होंगे।

अनुज कुमार, टीचर, फिटजी

Posted By: Inextlive