RANCHI :जिस देश में विकास लंबी लंबी छलांग लगा रहा है उसी देश के झारखंड स्टेट की राजधानी रांची में देश के भविष्य आज भी पुराने व जर्जर स्कूलों में पढ़ाई करने को विवश हैं। इस सच को उजागर कर रहा है कांकाटोली चौक का आजाद स्कूल। यहां की छत टूट चुकी है और स्कूल की बिल्िडग की दीवारों में हुआ दरार दुर्घटना का सबब बना हुआ है। जबकि डीसी ने शहर के सभी जर्जर स्कूलों को मरम्मत कराने का आदेश भी जारी कर दिया है लेकिन विभाग का उदासीन रवैया स्कूलों की मरम्मत में बाधा बन रहा है। आजाद स्कूल में अलग-अलग शिफ्ट में प्राइमरी व हाई क्लास में तकरीबन पांच सौ लड़के-लड़कियां पढ़ाई करते हैं। इस्लाम नगर में संचालित हो रहे प्राथमिक स्कूल को भी यहीं शिफ्ट कर दिया गया है। स्कूल के जर्जर होने के कारण बच्चे भी यहां पढ़ाई करने के वक्त सहमे रहते हैं। उनका कहना है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

नाली की दुर्गध से भी परेशान

स्कूल के एक स्टूडेंट ने बताया कि यहां की बिल्डिंग तो जर्जर है ही इसके अलावा पास में ही बड़ी नाली बहती है जिसके दुर्गध ने परेशान कर रखा है। बदबू से पढ़ाई में मन भी नहीं लगता है और टीचर भी नाक पर रुमाल रख कर पढ़ाते हैं। कई बार तो दुर्गध इतना ज्यादा हो जाता है कि क्लास से निकलकर हमलोग कैंपस में आ जाते है। वहीं नाली की गंदगी से फैल रहे इंफेक्शन के कारण कई बच्चे बीमार भी पड़ चुके हैं।

प्रिंसिपल ने माना बिल्डिंग जर्जर

स्कूल के प्रिंसिपल डॉ। इजराइलउद्दीन ने भी भवन के जर्जर होने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि स्कूल की स्थापना 1967 में हुई थी, इसके बाद यहां मरम्मत का काम नहीं हुआ, सिर्फ रंग-रोगन ही हुआ है। स्कूल के ऊपरी फ्लोर की स्थिति बहुत खराब है। स्टडी के वक्त भी सीलिंग टूट कर गिरता है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी से कर दी गई है।

डीसी के आदेश की अनदेखी

पुराने जर्जर स्कूलों के बिल्डिंग को मरम्मत करने का आदेश डीसी की ओर से जारी किया गया है। आदेश में सभी सरकारी स्कूलों की जांच कर उसकी मरम्मत या दूसरे बिल्डिंग में शिफ्ट करने की बात कही गई है। लेकिन किसी भी जर्जर स्कूल की मरम्मत नहीं कराई गई और न ही किसी जर्जर स्कूल को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जा सका है। जबकि बारिश का मौसम होने के कारण खतरा ज्यादा बना हुआ है।

Posted By: Inextlive