RANCHI: राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्लस टू स्कूलों की संख्या बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है। राज्य सरकार ने इसके तहत प्रत्येक प्रखंडों में दो-दो प्लस टू स्कूल सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर दस साल बाद ख्80 हाई स्कूलों को प्लस टू स्कूलों में अपग्रेड किया गया। वहीं, वैसे प्रखंडों को चिह्नित करने का निर्देश उपायुक्तों को दिया है, जो अभी तक दो प्लस टू स्कूलों तथा 7 किमी की परिधि में एक प्लस टू स्कूल होने के मानक का पूरा नहीं करते।

कस्तूरबा में भी इंटर की पढ़ाई

राज्य में इंटर की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए वर्ष ख्00म्-07 में ख्फ्0 हाई स्कूलों को प्लस टू स्कूलों में अपग्रेड किया था। इस तरह नए स्कूलों के अपग्रेडेशन के बाद राज्य में प्लस टू स्कूलों की संख्या बढ़कर भ्क्0 हो गई है। इनके अलावा ख्0फ् कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में पहले से ही प्लस टू स्तर की पढ़ाई चल रही है।

एडमिशन में होती है परेशानी

उल्लेखनीय है कि इंटर कॉलेजों की संख्या कम होने के कारण बड़ी संख्या में मैट्रिक उत्तीर्ण होनेवाले छात्र-छात्राओं का नामांकन इंटरमीडिएट में नहीं हो पाता था। दूसरी तरफ, प्लस टू स्तर के संस्थानों की कमी के कारण डिग्री कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई अलग नहीं हो सकी थी।

Posted By: Inextlive