RANCHI : झारखंड के आदिवासी स्टूडेंट्स को अब उच्च शिक्षा ऋण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। उन्हें अप स्टडी लोन लेने के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार उनके लोन की सिक्यूरिटी की गांरटी लेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में आदिवासी बच्चों के शिक्षा ऋण की गांरटी के लिए एक कोष बनाकर राज्य सरकार के गारंटर बनने का सुझाव आया, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी। वर्तमान में शिक्षा लोन के तहत 7.भ्0 लाख रुपये का ऋण बिना गारंटी बैंकों द्वारा प्रदान किया जाता है। इससे ज्यादा राशि होने पर सिक्यूरिटी या गांरटी की मांग की जाती है। इस अतिरिक्त राशि पर अब राज्य सरकार गांरटर बनेगी।

टीएसी में आया था प्रस्ताव

आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा ऋण बिना परेशानी के मिले, इसके लिए ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री श्री नीलकंठ सिंह मुंडा की अध्यक्षता मे कमेटी बनाई गई है। किन शिक्षण संस्थानों, किन पाठ्यक्त्रमों तथा कितनी राशि तक का लोन दिया जा सकेगा, इसके लिए संबंधित विभागों को एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार करने का कहा गया है। इस बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, विकास आयुक्त अमित खरे, स्वास्थ्य सिचिव के विद्यासागर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय और कई बैंकों के अधिकारी मौजूद थे।

क्-भ्0 करोड़ से बनेगा कोष

आदिवासी बच्चों के उच्च शिक्षा लोन को लेकर मुख्यमंत्री उच्चशिक्षा फेलोशिप योजना के नाम से एक कोष का गठन किया जायेगा। इसमें भ्0 करोड़ रुपये का कोष बनाया जायेगा, जो लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में काम आयेगा। अनुसूचित जनजाति के साथ ही अनुसूचित जाति व ओबीसी के छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा।

ख्-बैंक बनाएंगे अलग वेब पोर्टल

बैंकों को शिक्षा ऋण के लिए एक अलग वेब पोर्टल बनाने का निदेश दिये। इसके माध्यम से लोन नहीं मिलने या देरी होने के कारणों का पता चलता रहेगा। बैठक में उन्होंने खूंटी-गुमला में एक ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने व राज्य की हर यूनिवर्सिटी में एक स्टार्टअप इंक्यूवेशन सेंटर खोला जाएगा। साथ ही कल्याण विभाग को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व ओबीसी प्राधिकरण को मजबूत करने को कहा.़

फ्-व्यवसाय के लिए भी लोन

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोगों को व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए ऋण मिले, इसके लिए भी उपाय सुझाने को कहा है। इस संबंध में एक सप्ताह में कमेटी अपनी रिपोर्ट दे देगी। सरकार की प्राथमिकता आदिवासी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाना है। इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं।

Posted By: Inextlive